रायपुर के कारोबारी सुबोध सिंघानिया बनकर साइबर ठगों ने बैंक की असिस्टेंट मैनेजर को गुमराह किया और कारोबारी के खाते से 8 लाख 70 हजार रुपए ट्रांसफर करवा लिए। कारोबारी की ओर से असिस्टेंट मैनेजर ने थाने में शिकायत की है। जिस पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
मामला आमानाका थाना क्षेत्र का है। मिली जानकारी के मुताबिक, साइबर ठगों ने असिस्टेंट बैंक मैनेजर को गुमराह करने के लिए उनसे पहले कॉल में 2 रुपए जमा करने का झांसा दिया। फिर वॉट्सऐप में फर्जी लेटर भेजकर पैसा ट्रांसफर करवाया।
असिस्टेंट मैनेजर ने पैसा ट्रांसफर होने पर कारोबारी की पत्नी से संदेह होने पर चर्चा की, तो उन्हें इस ठगी के बारे में पता चला। फिलहाल, पुलिस ने चार दिन बाद केस दर्ज कर मामले में जांच शुरू कर दी है।
अब पढ़े कैसे हुई ठगी
शिकायतकर्ता अमकी मुर्मू ने पुलिस को बताया कि वो टाटीबंध स्थित इंडियन ओव्हर सीज बैंक में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। ब्रांच में हर्षित अर्बन सिटी बिल्डकॉन का खाता है। कंपनी के डायरेक्टर सुबोध सिंघानिया बैंक के शाखा की हाई वैल्यू कस्टमर है। ऐसे में कंपनी को शाखा की ओर से प्राथमिकता के आधार पर बैंकिंग सेवा प्रदान करती है।
17 सितंबर को बैंक के मुख्य प्रबंधक मुकेश कुमार ट्रेनिंग के लिए चेन्नई में थे। ट्रेनिंग के दौरान प्रबंधक को कॉल आया। कॉल करने वाले शख्स ने खुद को सुबोध सिंघानिया बताया और 2 करोड़ रुपए फिक्सड डिपॉजिट करने की बात कही। प्रबंधन ट्रेनिंग में थे, उन्होंने मुझे कॉल किया और कॉलर का नंबर देकर बात करने के लिए कहा।
वॉट्सऐप पर पर लेटर हेड भी भेजा
मैंने कॉल किया, तो रिसीवर ने अपने आपको कारोबारी सुबोध सिंघानिया बताया। चर्चा के दौरान नाराजगी जाहिर की और कहा कि बैंक की तरफ से उनके काम में लापरवाही बरती जा रही है। मेरे ऑफिस में एक पार्टी बैठी है। तत्काल पैसे का भुगतान किया जाना आवश्यक है। कॉल पर करते हुए वॉट्सऐप पर लेटर हेड भेजा गया।
जिसमें बैंक को निर्देश था कि पार्टी जिसका नाम अवतार सिंह उसके खाते में 8 लाख 95 हजार ट्रांसफर कर दे। खाता चेक करने पर उसमें राशि कम निकली, तो कॉलर ने लेटर सुधारकर 8 लाख 70 हजार रुपए ट्रांसफर करने के लिए कहा। मैंने पैसा ट्रांसफर कर दिया, तो कुछ देर की चर्चा के बाद कुछ और खातों में पैसा ट्रांसफर करने के लिए कहा और कंपनी के अन्य खातों की जानकारी मांगी।
बैंक ऑफ इंडिया के खाते में ट्रांसफर हुआ पैसा
संदेह होने पर आरटीजीएस शाखा को पैसे ट्रांसफर के 15-20 मिनट के भीतर ही ई-मेल कर आरटीजीएस की गई राशि को रोकने का रिक्वेस्ट किया। लेकिन आरटीजीएस शाखा की ओर से जांच कर बताया कि राशि बैंक ऑफ इंडिया के खाते में ट्रांसफर हो चुकी थी ।
कारोबारी का पैसा कोलकाता हुआ ट्रांसफर
पुलिस की जांच में सामने आया कि कारोबारी का पैसा कोलकाता की महिंद्रा बैंक में ट्रांसफर हुआ है। एएसपी दौलत राम पोर्ते ने मामले की पुष्टि की है। उनका कहना है कि असिस्टेंट बैंक मैनेजर की शिकायत पर मामले में जांच शुरू कर दी गई है।
बता दें कि इस तरह से ठगी का राजधानी में यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इसी पैटर्न पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल के खाते से 58 लाख रुपए दूसरे दूसरे अकाउंट में साइबर ठगों ने बैंक अधिकारियों से ट्रांसफर करवा लिए। इस मामले में आजाद चौक पुलिस ने केस दर्ज किया था, लेकिन आज तक जांच जारी है