स्कैमर्स की अब शामत आने वाली है. सरकार ने इन स्कैम के बढ़ते मामलों से छुटकारान पाने के लिए स्वदेशी स्पैम ब्लॉकिंग सॉल्यूशन तैयार किया है. इसके जरिए जियो, एयरटेल, वोडाफोन, बीएसएनएल यूजर्स को स्पैम कॉल्स से निपटने में मदद मिलेगी. गृह मंत्रालय (MHA) ने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (TSPs) से तीन महीने के ट्रायल पर स्वदेशी स्पैम ब्लॉकिंग सॉल्यूशन लागू करने के लिए कहा है. इस ट्रायल के लिए फरवरी में होने वाली रिव्यू मीटिंग में फीडबैक भी मांगा है.
मीटिंग में होम मिनिस्ट्री के साथ टेलीकॉम एग्जिक्यूटिव, इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर और I4C के अधिकारियों ने कहा कि TCIL सभी TSP और PE को तीन महीने के ट्रायल के लिए बिना किसी खर्च के टूल्स ऑफर करने के लिए सहमत हो गया है.
TCIL क्या है और क्या है इसका SMSट्रांसपेरेंसी सॉल्यूशन
दिल्ली स्थित टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) एक सरकारी स्वामित्व वाली मास्टर सिस्टम इंटीग्रेटर और इंजीनियरिंग कंपनी है. इसने टेलीकॉम कंपनियों को स्पैम मैसेज को ब्लॉक करने के लिए स्वदेशी सिस्टम के साथ मिलकर एसएमएस ट्रांसपेरेंसी सॉल्यूशन बनाया है.
स्पैम ब्लॉकिंग सॉल्यूशन कैसे करता है काम?
TCIL के एक अधिकारी ने बताया कि भारत में डिजाइन किए गए और डेवलपड सॉल्यूशन ब्लॉकचेन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है. ये धोखाधड़ी वाले यूआरएल को ब्लॉक करके केवल वेरिफाइड मैसेज कंटेंट आगे भेजता है.
इससे पहले, टीसीआईएल ने एमटीएनएल नेटवर्क पर एक प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट (पीओसी) शुरु किया था. इसमें लाइव टेलीकॉम इनवायरमेंट में स्पैम वॉयस और डेटा सर्विसेस के लिए सॉल्यूशन पेश किया था.
स्पैम मैसेज और कॉलों पर नकेल कसने के लिए टेलीकॉम कंपनियां पिछले कुछ महीनों से थर्ड पार्टी लिंक्स आदि को ब्लॉक कर ब्लैकलिस्ट कर रही हैं.
टेलीकॉम कंपनियों के साथ एंटी स्पैम सॉल्यूशन कारगर साबित होता है तो इससे सभी को फायदा होगा. स्पैम से लोगों बचाने के लिए ये सरकार का अच्छा स्टेप साबित हो सकता है.