देश में साइबर क्राइम के मामले जिस तेजी से बढ़े उतनी ही तेजी से ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी चीज भी सामने आई है. ये एक प्रकार से किसी को मेंटली कंट्रोल करने जैसा होता है और एक फोन कॉल से इसके जाल में फंस चुके लोग इसे भयानक बताते हैं और लाखों रुपये भी गंवा देते हैं. ताजा मामला यूपी के मेरठ का है. यहां डिजिटल अरेस्ट कर 28 लाख की ठगी का मामला सामने आया है.
‘आपके आधार कार्ड से सिम लिया है किसी ने’
आरोप है कि फ्रॉड ने एक बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट किया और 28 लाख की ठगी कर ली गई .बुजुर्ग के पास फोन आया और उससे कहा गया कि उसका आधार कार्ड पर एक नंबर चालू किया गया है जिससे अवैध काम किए गए हैं. इसी से निपटने के नाम पर उससे लूट की गई. पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है.
ठग ने खुद को बताया जूनियर टेलीकॉम अफसर
दरअसल, मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के रहने वाले सुरेश पाल ने पुलिस को शिकायत दी जिसमें लिखा है कि उन के पास 9 अक्टूबर को एक अज्ञात नंबर से फोन आया और उसने अपने आप को जूनियर टेलीकॉम अफसर महेंद्र सिंह बताया. उसने बुजुर्ग सुरेश पाल से कहा कि उनके आधार कार्ड से एक फोन नंबर लिया गया है, जिससे अवैध कार्य और मैसेज करके लोगों को परेशान किया जा रहा है.
दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर से ‘IPS’ का वीडियो कॉल
इसके बाद ठगी करने वाले व्यक्ति ने बुजुर्ग को बताया कि दिल्ली में आपका नाम पर एफआईआर दर्ज है और आपके पास दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर से फोन किया जाएगा. इस फोन के बाद एक वीडियो कॉल सुरेश पाल को मिली जिसमें सामने वाले व्यक्ति ने अपने आप को दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर से आईपीएस सुनील कुमार गौतम और सीबीआई का अधिकारी बताया .
2 घंटे 35 मिनट में लूटे 28 लाख रुपये
बुजुर्ग को करीब 2 घंटे 35 मिनट तक डरा धमका कर मनी लांड्रिंग का मामला बताते हुए केस दर्ज करने की बात कही.वीडियो कॉल करने वाले ने इसी तरीके से डरा धमका कर पीड़ित सुरेश पाल से 28 लख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए बोला और कहा कि पैसे ट्रांसफर कर दो और निर्दोष पाए गए तो सब रिफंड हो जाएगा. पीड़ित सुरेश पाल ने दिए गए अकाउंट नंबर पर पैसे ट्रांसफर कर दिए इसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हुई है.इस मामले में पीड़ित सुरेश पाल ने मेरठ के साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत के आधार पर पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर लिया है।