भोपाल। बिना परमिट के स्कूल बस और यात्री वाहन चलाने पर अब बैठक क्षमता के अनुसार एक हजार रुपये प्रति सीट जुर्माना लगेगा। माल वाहन के लिए यह दर प्रति टन के हिसाब से होगी। अभी बिना परमिट या परमिट की शर्त का उल्लंघन करने पर जीवनकाल कर की राशि का 25 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाता रहा है।
इसी तरह मोटरयान कर जमा न करने की दशा में देय कर पर चार प्रतिशत की दर से जुर्माना लगाया जाता है, जो लंबित कर से दोगुना से अधिक नहीं हो सकता है। इसे भी बढ़ाकर चार गुना किया गया है।
अन्य राज्यों के पंजीकृत वाहनों द्वारा देय कर जमा नहीं करने पर उनके देय कर के चार गुना के हिसाब से कर वसूला जाएगा। ये प्रावधान मध्य प्रदेश मोटरयान कराधान संबंधी संशोधन विधेयक में किए गए, जो बुधवार को सदन में ध्वनिमत से पारित हो गया।
प्रदेश के परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने सदन को बताया कि परिवहन विभाग की कार्य-प्रणाली को निरंतर पारदर्शी बनाया जा रहा है। फेसलैस सिस्टम लागू किया है।
घर पर सभी दस्तावेज पहुंचाने का काम कर रहे हैं। वाहन स्वामी के मोटरयान के कर भुगतान करने में असफल रहने पर कर की गणना और ऐसे वाहन जो बिना परमिट अथवा परमिट के शर्तों का उल्लंघन करते हुए चलाए जाते हैं, पर जुर्माने से संबंधित प्रविधानों में संशोधन किया गया है।
प्रदेश में बाहर के पंजीकृत वाहनों के लिए अभी ऐसी कोई व्यवस्था प्रदेश में न होने से परेशानी होती थी। लोकसेवा यान, निजी सेवा यान, शैक्षणिक संस्था बस तथा स्कूल बस की श्रेणी अलग की गई है।
बिना परमिट चलने वाले इन वाहनों से मोटरयान कर के अतिरिक्त प्रति सीट एक रुपये लिए जाएंगे।
अभी मोटरयान कर के चार गुना अर्थदंड का प्रविधान था। संशोधन के बाद भी राशि में अधिक अंतर नहीं आएगा। यह प्रविधान माल वाहनों के लिए भी किया गया है।
कांग्रेस का आरोप- एवजी कर रहे हैं वसूली, सौरभ शर्मा तो छोटी मछली
सदन में विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के विधायक भैरों सिंह बापू, भंवर सिंह शेखावत, दिनेश गुर्जर, बाला बच्चन और विजय चौरे ने आरोप लगाया कि प्रदेश में नागालैंड व अरुणाचल प्रदेश के नंबरों की बसें दौड़ रही हैं। चेक पोस्ट बंद जरूर हो गई हैं, पर चेक पाइंट के नाम पर वसूली जारी है।
यह राशि भी शासन के खाते में नहीं आ रही है। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में स्टाफ बाहर रहता है और पूरा काम एवजी करते हैं।
कांग्रेस विधायकों ने कहा कि पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा तो छोटी मछली है।
उसके भोपाल स्थित स्थलों से बरामद 52 किलोग्राम सोना और 25 करोड़ की नकदी किसी है, उसे किसका संरक्षण था। इसके पीछे कौन है, यह अब तक सामने नहीं आया है।
बाला बच्चन ने भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर संभाग में ढाई हजार करोड़ रुपये से अधिक के बकाया वसूली का विषय उठाया।