सूरजपुर: प्रतापपुर में आयोजित खंड स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम एक बार फिर शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही और भाजपा संगठन में बढ़ती गुटबाजी का शिकार हो गया. मंच पर बैठे कुछ चुनिंदा नेताओं की उपस्थिति और अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की सुनियोजित उपेक्षा ने स्थानीय राजनीति को गरमा दिया है. कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष चंद्रमणि देवपाल पैकरा और जिला पंचायत सदस्य लवकेश पैकरा को मंच पर स्थान नहीं दिया गया, यहां तक कि आमंत्रण पत्र में लवकेश पैकरा का नाम तक नहीं जोड़ा गया.
इससे नाराज होकर दोनों जनप्रतिनिधियों ने मंच पर चढ़ने से इंकार करते हुए, नीचे बैठकर अपना विरोध जताया. चंद्रमणि पैकरा ने मंच से बोलते हुए अफसरों को जमकर फटकारा और उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों की अनदेखी और प्रोटोकॉल उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अधिकारी किसी गुट विशेष का हिस्सा बनकर कार्यक्रमों में राजनीति नहीं करें.
इस पूरी घटना के केंद्र में प्रतापपुर के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी हैं, जो करीब 5 सालों से एक ही जगह जमे हुए हैं. इनकी कार्यशैली और निर्णयों को लेकर पहले भी शिकायतें रही हैं. बताया जाता है कि बीईओ द्वारा शिक्षा विभाग के कार्यक्रमों में चुनिंदा नेताओं को प्राथमिकता देना और बाकी को नजरअंदाज करना, एक पूर्व नियोजित राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है.
भाजपा की गुटबाजी अब मंचों पर दिख रही
प्रतापपुर भाजपा के दो प्रमुख खेमों में जारी खींचतान अब शासकीय आयोजनों तक पहुंच चुकी है. पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा के पुत्र लवकेश पैकरा को बार-बार नजरअंदाज किया जाना यह साबित करता है कि भाजपा के भीतर ही एक खेमा उन्हें दरकिनार करने में जुटा है और प्रशासन उस राजनीतिक गुट के इशारों पर काम कर रहा है. यही नहीं, चंदौरा के एक भूमिपूजन कार्यक्रम में भी लवकेश पैकरा को आमंत्रण पत्र और बैनर से गायब रखा गया था. यह स्पष्ट संकेत है कि प्रतापपुर क्षेत्र में शासकीय कार्यक्रमों का संचालन अब अफसर नहीं, गुटबाजी कर रहे राजनीतिक ताकतें कर रही हैं.
जनप्रतिनिधियों और लोगों कहना है कि प्रतापपुर बीईओ को तत्काल हटाया जाए. शासकीय कार्यक्रमों में प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन हो और शिक्षा विभाग को गुटबाजी से मुक्त किया जाए.