इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के दो खास मिशन चर्चा में हैं. इसरो का पहला मिशन अंतरिक्ष में खेती की संभावनाओं को लेकर है. दूसरा मिशन स्वच्छ स्पेस से जुड़ा है. इसरो का ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंट मॉड्यूल यानि POEM-4 मिशन अंतरिक्ष में नई संभावनाओं की तलाश करेगा. PSLV रॉकेट से इस ‘POEM-4’ मिशन की लॉन्चिंग 30 दिंसबर को होगी. पहले मिशन में अंतरिक्ष में बीज उगाने का अध्ययन होगा. एक बॉक्स में लोबिया के 8 बीज उगाए जाएंगे. बॉक्स का तापमान पूरी तरह कंट्रोल किया जाएगा. आइए जानते हैं इसरो के मिशन की खास बातें.
इसरो इस मिशन में अंतरिक्ष में 24 अलग-अलग तरह के प्रयोग करेगा. इनमें 14 प्रयोग इसरो की विभिन्न प्रयोगशालाओं से और 10 प्रयोग निजी विश्वविद्यालयों व स्टार्ट-अप से जुड़े हैं. इसके तहत अंतरिक्ष में बीज उगाने का भी अध्ययन करेगा. इसरो के मुताबिक, CROPS नाम के एक बॉक्स में लोबिया के 8 बीज उगाए जाएंगे. इस बॉक्स का तापमान पूरी तरह कंट्रोल किया जाएगा. ये प्रयोग भविष्य में अंतरिक्ष में खेती की संभावनाओं की तलाश करेगा.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
जमीन और अंतरिक्ष में पालक के पौधों के विकास की तुलना होगी
इसरो के मुताबिक, अंतरिक्ष में खेती की संभावनाओं की तलाश के अलावा जमीन और अंतरिक्ष में पालक के पौधों के विकास की तुलना की जाएगी. इससे पता चलेगा कि कम ग्रेविटी में पौधों का विकास किस तरह होता है. अंतरिक्ष में कचरा साफ करने को लेकर भी इसरो एक खास प्रयोग करने वाला है.
कचरा साफ करने के लिए खास रोबोटिक हाथ का परीक्षण होगा
इसरो के POEM-4 मिशन में अंतरिक्ष का कचरा साफ़ करने के लिए एक खास रोबोटिक हाथ का भी परीक्षण होगा. इसे विक्रम साराभाई सेंटर ने बनाया है. इसरो के इस प्रयोग से अंतरिक्ष में बढ़ते कचरे की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी. यानी स्वच्छ भारत अभियान के बाद…स्वच्छ स्पेस अभियान भी चलाया जाने वाला है. साल के आखिर में प्रक्षेपित होने वाला पीएसएलवी-सी60 मिशन देश के अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण के लिए डॉकिंग टेक्नोलॉजी को प्रदर्शित करने के लिए चेज़र और टारगेट को स्थापित करेगा.