कोरोना वायरस पहली बार मार्च 2020 में चीनी के वुहान शहर में सामने आया और बाद में दुनिया भर में फैल गया और सदी की महामारी बन गया. इस वायरस से दुनिया भर में लाखों नागरिकों की मौत हुई.
साल 2020 में कोरोना महामारी के दौरान पहला COVID-19 वैक्सीन बनाने वाले चीन (China) के टॉप साइंटिस्ट को कथित भ्रष्टाचार के लिए संसद से बर्खास्त कर दिया गया है. आधिकारिक मीडिया ने सोमवार को बताया कि चीन नेशनल फार्मास्युटिकल ग्रुप की वैक्सीन सहायक कंपनी चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप (CNBG) के अध्यक्ष यांग जियाओमिंग को गंभीर अनुशासन और कानून के उल्लंघन के कारण नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) में उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया गया है.
62 वर्षीय यांग जियाओमिंग एक अनुभवी रिसर्चर हैं. उन्होंने सीएनबीजी का नेतृत्व किया, जो राज्य के स्वामित्व वाली सिनोफार्मा की एक वैक्सीन सहायक कंपनी है. यांग ने उस टीम का नेतृत्व किया, जिसने सिनोफार्मा की BBIBP-CorV वैक्सीन विकसित की, जो चीन का पहला कोरोनोवायरस शॉट है, जिसे सामान्य उपयोग के लिए मंजूरी दी गई है.
कोरोना वायरस पहली बार मार्च 2020 में चीनी के वुहान शहर में सामने आया और बाद में दुनिया भर में फैल गया और सदी की महामारी बन गया. इस वायरस से दुनिया भर में लाखों नागरिकों की मौत हुई. NPC के एक बयान के मुताबिक, यांग की पहले से ही पार्टी अनुशासनात्मक निकाय केंद्रीय अनुशासन निरीक्षण आयोग द्वारा जांच की जा रही है.
Sinopharm शॉट और सिनोवैक बायोटेक का CoronaVac चीन में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया और देश द्वारा निर्यात किए जाने वाले अग्रणी COVID-19 टीके थे.
यांग की बर्खास्तगी चीन की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर सबसे बड़ी कार्रवाई के बीच हुई है, जो पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा शुरू किए गए व्यापक भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का विस्तार है. इस कार्रवाई का उद्देश्य रिश्वतखोरी से ग्रस्त सिस्टम में व्यापक भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना है. हांगकांग की South China Morning Post की रिपोर्ट के मुताबिक, यह अस्पतालों, दवा कंपनियों और बीमा फंडों को निशाना बनाता है, पिछले साल से दर्जनों अस्पताल प्रमुखों को हिरासत में लिया गया है.
Sinopharm के एक अन्य पूर्व सीनियर एक्जिक्यूटिव झोउ बिन को जनवरी में CCDI द्वारा जांच के दायरे में रखा गया था.
चीन का राष्ट्रीय 863 कार्यक्रम एडवांस टेक्नोलॉजी के विकास के लिए एक राज्य-वित्त पोषित और प्रशासित मंच है. यांग की टीम द्वारा बनाई गई कोरोना वैक्सीन को दिसंबर 2020 में सामान्य उपयोग के लिए मंजूरी दी गई थी.
यांग जियाओमिंग, महामारी से लड़ने में अपनी भूमिका के लिए सितंबर 2020 में राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वालों में से थे और बाद में उन्हें चाइनीज सोसाइटी ऑफ इम्यूनोलॉजी द्वारा एक बड़े स्कॉलर के रूप में मान्यता दी गई थी. पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें Ho Leung Ho Lee फाउंडेशन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया, जो विज्ञान और चिकित्सा क्षेत्रों में चीनी विद्वानों को मान्यता देता है.