वैज्ञान‍िकों ने खोजा Corona से लड़ने का एक नया हथियार, ICMR ने इस दवा को पाया असरदार 

कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया झेल चुकी है लेकिन इससे जुड़े शोध अभी भी जारी हैं. एक ताजा स्टडी में दावा किया गया है कि एक खास तरह की दवा SB431542, जो कि TGF-beta सिग्नलिंग को ब्लॉक करती है, वह कोरोना से होने वाली गंभीर फेफड़ों की सूजन को रोक सकती है. स्टडी के मुताबिक, इस दवा का असर SARS-CoV-2 वायरस के कारण होने वाली fibrosis यानी फेफड़ों के टिशू में जमी हुई सूजन पर खासतौर पर दिखा है.

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क्या है SB431542?

SB431542 एक TGF-β inhibitor है यानी ये दवा शरीर में Transforming Growth Factor-beta नाम के एक सिग्नलिंग रास्ते को ब्लॉक करती है. यही TGF-beta वायरस के संक्रमण के बाद inflammation और fibrosis को बढ़ाता है. जब इस दवा से इसका रास्ता रोका गया, तो फेफड़ों की सूजन कम हुई और वायरस का असर हल्का पड़ा.

स्टडी में क्या निकला?

ICMR के शोधकर्ताओं ने ये स्टडी लैब में बनाए गए human alveolar epithelial cells (यानी फेफड़ों की सतही कोशिकाओं) पर की. जब इन कोशिकाओं को कोरोना वायरस से संक्रमित किया गया और साथ में SB431542 दी गई, तो viral replication कम हुआ और fibrosis के संकेत भी घटे. इसका मतलब है कि यह दवा सिर्फ वायरस को काबू में नहीं करती, बल्कि संक्रमण के बाद होने वाली लंबी बीमारी या पोस्ट-कोविड फाइब्रोसिस को भी कम कर सकती है.

कोविड के बाद की बीमारी में उम्मीद की किरण

कई मरीजों को कोविड से ठीक होने के बाद भी सांस लेने में दिक्कत, सीने में भारीपन और कमजोरी जैसी शिकायतें होती हैं. इसकी एक बड़ी वजह फेफड़ों की अंदरूनी सूजन और फाइब्रोसिस है. SB431542 इन लक्षणों को कम करने में मददगार हो सकती है,  ऐसा रिसर्चर्स का मानना है.

ह्यूमन ट्रायल नहीं हुआ

बता दें कि ये स्टडी अभी प्रारंभिक स्तर पर है, यानी pre-clinical स्टेज पर है. अभी यह दवा मानव ट्रायल में नहीं पहुंची है, और इसे खुद लेना या प्रिस्क्राइब करना फिलहाल सुरक्षित नहीं माना जा सकता.  यह रिसर्च एक नए टारगेट पर आधारित है, जिससे भविष्य में anti-fibrotic थेरेपी के नए रास्ते खुल सकते हैं.

एक्सपर्ट क्या कहते हैं?

साइंस कम्युनिटी में इस स्टडी को एक उम्मीद की किरण के रूप में देखा जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड के बाद की जटिलताओं को कम करने में अगर यह दवा कारगर साबित हुई, तो यह एक गेमचेंजर हो सकती है.

वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे बड़ी जीत

शोध के प्रमुख लेखक और राष्ट्रीय व‍िषाणु विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ नवीन कुमार ने बताया कि साल 2020 से भारत कोरोना वायरस से जूझ रहा है. अब जाकर इस लड़ाई में बड़ी जीत मिली है. SB 431542 नाम की यह दवा वायरस के कारण होने वाली फेफड़ों की सूजन और फाइब्रोसिस को रोकने में असरदार पाई गई है.

इस दवा के इस्तेमाल से TGF-β सिग्नलिंग बंद हो जाती है, जो संक्रमण के बाद शरीर में फाइब्रोसिस और सूजन फैलाती है. इससे कोविड-19 के अलावा अन्य वायरल बीमारियों में भी फायदा हो सकता है.

कैसे काम करती है दवा?

यह शरीर में टीजीएफ-बेटा सिग्नलिंग पाथवे को ब्लॉक कर देती है. जब वायरस संक्रमित कोशिकाओं को कंट्रोल से बाहर करता है, तो यही सिग्नलिंग शरीर में सूजन और नुकसान फैलाती है. SB 431542 इस प्रक्रिया को रोक देती है.

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