इटावा :जसवंतनगर मे कृभको कृषक भारती सेवा केंद्र पर संख्या में भीड़ DAP खाद के लिए. केंद्र खुलने से पहले पहुंचे सैकड़ों किसानखाद की भारी किल्लत से किसान परेशान
रबी की फ़सल का सीजन चल रहा है. अक्टूबर माह से गेहूँ एवं आलू की फसलों की बुबाई शुरू हो जायेगी.उसके लिए DAP खाद बहुत जरूरी है. क्योंकि ये एक आधरीय खाद है जो भूमि में अंदर मिलाई जाती है. जिस तरह से एक शराबी को शराब की लत लग जाती है.
उसी तरह से भारतीय खेती को भी रासायनिक खादों की लत लग गई है. अगर DAP खाद के बगैर गेहूँ या आलू की फ़सल किसान लगा दे तो उत्पादन आधा ही रह जायेगा.
ज़ब से रासायनिक खादों का प्रचलन चला है तब से किसानों ने हरी खाद बोना ही छोड़ दिया है. उसी का ये नतीजा है कि खाद सेंटर पर किसानों के साथ साथ महिलाओं की भी लम्बी लम्बी लाइनें लगी हुई दिखाई दे रही है.
इस साल पहली बार हमको 2100 बोरी मिली है. जो हम किसानों के आधार कार्ड जमा कराके और अंगूठा लगबा कर बाँट रहा हूँ. एक आधार कार्ड पर हम तीन बोरी खाद दे रहे है. किसी के साथ कोई भी भेद भाव नहीं रखा जा रहा है. ज़ब तक स्टॉक है हम बराबर खाद बांटेंगे. इसके अलाबा भी हमारा आर्डर लगा हुआ है. उम्मीद है वह आर्डर भी जल्दी से मिल जायेगा.
पुलिस ने संभाली कानून व्यवस्था लेकिन फिर कुछ किसान इधर उधर से बीच में लाइन में घुसने की कोशिश की इसमें आपस में कहासुनी भी हुई लेकिन सेंटर इंचार्ज के लचर रवैये से किसान काफी नाराज भी दिखे .
लाइन में खड़े लोग अपनी बारी के इंतजार में सुवह से खड़े हुए थे लेकिन ज्यादा किसान अपने परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड जमा कर खाद लेते रहे. लाइन में लगे लोंगो को लंबा इंतजार करना पड़ा और कुछ लोंगो को खाद मिली और कुछ लोग मायूस होकर लौट गए.
किसानों द्वारा बताया गया है कि जो भी नियम कानून है वह हम छोटे खेतिहर किसानों के लिए है .लाइन में भी लगना और खाद के साथ अन्य रासायनिक पावडर भी लेना. बताया गया है कि कुछ लोंगो को बिना लाइन में लगे ही बन्द के समय में दुकान खोलकर बिना भीड़भाड़ में निपटा दिया जाता है. किसान परेशान बुआई के लिए खाद की किल्ल्त हमेशा इसी प्रकार बनी रहती है .