संसद में ‘छावा’ फिल्म की स्क्रीनिंग स्थगित कर दी गई है. इस फिल्म की 27 मार्च को संसद में स्क्रीनिंग होनी थी, लेकिन किसी कारणों से अब इसे स्थगित कर दिया गया है. एक दिन पहले यानी सोमवार को यह जानकारी सामने आई थी कि सरकार संसद में फिल्म छावा की स्क्रीनिंग की तैयारी कर रही है.
फिल्म की स्क्रीनिंग संसद भवन लाइब्रेरी बिल्डिंग के बालयोगी सभागार में इसी हफ्ते होने की संभावना थी. कहा जा रहा था कि पीएम मोदी और सभी सांसद इस फिल्म को देखेंगे, लेकिन अब जो जानकारी सामने आई है उसमें स्क्रीनिंग को स्थगित कर दिया गया है.
शिवाजी महाराज की वीरता को दर्शाती है यह फिल्म
फिल्म ‘छावा’ इस समय काफी चर्चा में है, जो स्वतंत्रता सेनानी छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता, संघर्ष और आदर्शों को दर्शाती है. इस फिल्म की पटकथा शिवाजी महाराज की वीरता और उनके साम्राज्य के गठन पर आधारित है. यह फिल्म खासकर उन युवाओं के लिए प्रेरणादायक है, जो शिवाजी महाराज के संघर्ष, नेतृत्व और राष्ट्रप्रेम से प्रेरित होना चाहते हैं.
छावा फिल्म छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाती है, जिनमें उनकी युद्धनीति, राज्य निर्माण, धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए उनका योगदान शामिल है. फिल्म का उद्देश्य है शिवाजी महाराज के महान कार्यों और उनकी कूटनीतिक कुशलता के बारे में लोगों को बताना है.
छावा फिल्म के बाद देशभर में औरंगजेब को लेकर विवाद
“छावा” फिल्म के आने के बाद औरंगजेब विवाद एक विवादास्पद मुद्दा बन गया था, क्योंकि इस फिल्म में औरंगजेब के पात्र को लेकर कुछ आलोचनाएं हुई थीं. विवाद का मुख्य कारण यह था कि फिल्म में औरंगजेब को जिस तरह से पेश किया गया, वह कुछ लोगों को नागवार गुजरा. इस फिल्म के बाद देश में औरंगजेब को लेकर चर्चा छिड़ गई. महाराष्ट्र में कुछ लोगों ने औरंगजेब की कब्र को हटाने तक की मांग कर दी.
औरंगजेब के प्रति इस फिल्म का दृष्टिकोण कई लोगों के लिए आपत्ति जनक था, जबकि अन्य ने इसे मराठा साम्राज्य और शिवाजी महाराज की वीरता को सही तरीके से प्रस्तुत करने का एक प्रयास माना. कुछ आलोचकों ने फिल्म की आलोचना की और कहा कि इसमें औरंगजेब के बारे में एकतरफा दृष्टिकोण अपनाया गया है.