गोशालाओं के निरीक्षण में एसडीएम का फूटा गुस्सा, लापरवाही पर कर्मचारियों को लगाई कड़ी फटकार

जसवंतनगर/इटावा: जसवंतनगर और इटावा क्षेत्र की गोशालाओं की दुर्दशा अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी.उप जिलाधिकारी कुमार सत्यम जीत और तहसीलदार दिलीप कुमार ने  क्षेत्र की विभिन्न गोशालाओं का औचक निरीक्षण कर वहां व्याप्त घोर अव्यवस्थाओं और पशुओं की दयनीय स्थिति पर गहरी नाराजगी व्यक्त की.

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अधिकारियों ने जैनपुर नागर, पिपरेंदी सहित अन्य गोशालाओं का निरीक्षण किया, जहां पशुओं के रखरखाव में गंभीर लापरवाही उजागर हुई. इस लापरवाही पर एसडीएम ने अधीनस्थ कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई और तत्काल व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के सख्त निर्देश दिए.

जैनपुर नागर स्थित गोशाला के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने पाया कि वहां पशुओं के लिए न तो पर्याप्त चारे की व्यवस्था थी और न ही पीने के पानी का उचित प्रबंध। इसके अतिरिक्त, गोशाला परिसर में सफाई व्यवस्था भी अत्यंत खराब पाई गई, जिससे पशुओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था.इसी प्रकार, पिपरेंदी गोशाला का दृश्य भी कुछ अलग नहीं था.

यहां भी पशुओं के इलाज और उनके उचित रखरखाव में घोर लापरवाही बरती जा रही थी.बीमार पशुओं की देखभाल में अनदेखी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही थी, जिससे उनकी पीड़ा और बढ़ रही थी. इन भयावह स्थितियों को देखकर एसडीएम कुमार सत्यम जीत और तहसीलदार दिलीप कुमार का गुस्सा फूट पड़ा.उन्होंने मौके पर मौजूद संबंधित कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए उनकी गैरजिम्मेदारी पर सवाल उठाए.

अधिकारियों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि गौवंश की उपेक्षा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और भविष्य में ऐसी लापरवाही पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
एसडीएम कुमार सत्यम जीत ने गोशालाओं के संचालन में सुधार लाने के लिए स्पष्ट और कड़े निर्देश जारी किए.उन्होंने कहा कि प्रत्येक गोशाला का प्रतिदिन नियमित रूप से निरीक्षण किया जाना चाहिए ताकि पशुओं की देखभाल में किसी भी प्रकार की कमी न रहे.

उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी पशुओं को पर्याप्त मात्रा में चारा और पानी उपलब्ध कराया जाए.इसके साथ ही, बीमार पशुओं की पहचान कर उनका समय पर उचित इलाज कराने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए. तहसीलदार दिलीप कुमार ने भी कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अगली बार निरीक्षण के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.उन्होंने जोर देकर कहा कि गोशालाओं में पशुधन की सुरक्षा और कल्याण सर्वोपरि है और इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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