मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर गांव बारी में स्थित रामलला सरकार के मंदिर विवाद को सुलझाने के लिए राजस्व अधिकारी, एसडीएम, नायब तहसीलदार और पटवारी मंदिर पहुंचे थे, लेकिन सरकारी अधिकारियों को देख वहां मौजूद लोगों ने विवाद शुरू कर दिया. एसडीएम और नायब तहसीलदार से मारपीट और धक्का मुक्की होने की भी जानकारी सामने आई है.
जानकारी के अनुसार, बारी गांव में सांसद मंत्री वीरेन्द्र खटीक ने जन चौपाल लगाई थी, जहां पर मौजूद ग्रामीणों ने उनसे मंदिर में दबंगों के कब्जे को लेकर शिकायत की थी. ग्रामीणों ने वीरेन्द्र खटीक को बताया था कि उनको मंदिर में दर्शन करने नहीं जाने दिया जा रहा है. इस पर सांसद वीरेन्द्र खटीक ने जिला प्रशासन को जांच के निर्देश दए थे.
मंदिर से पुजारी ने क्या कहा
सांसद के निर्देश पर एसडीएम अखिल राठौर, नायब तहसीलदार अंजू सिंह, आरआई अखिलेश बबेले और पटवारी रविन्द्र मिश्रा मंदिर पहुंचे, जहां पुजारी और उनके साथियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मारपीट और धक्का-मुक्की की. इस मामले में पुजारी ने कहा कि एसडीएम अखिल राठौर मंदिर के गर्भगृह में चमड़े का बेल्ट लगाकर अंदर जा रहे थे. हमारे सेवादार ने कहा कि आप चमड़े का बेल्ट लगाकर अंदर नहीं जा सकते हैं.
पुजारी ने कहा कि इसी बात पर एसडीएम साहब भड़क उठे और बोले कि अब आप हमें ज्ञान नहीं दो तो अच्छा ही रहेगा. इसी बात को लेकर मंदिर सेवादार और एसडीएम के बीच विवाद होने लगा. धीरे-धीरे धक्का-मुक्की तक बात पहुंच गई. वहीं नायब तहसीलदार अंजू सिंह की शिकायत पर घड़ी मलेरा थाने में पुजारी सहित तीन लोगों के खिलाफ मारपीट और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया.
मंदिर में लगा दिया गया ताला
इसके बाद मंदिर में ताला भी लगा दिया गया, जिसके बाद हिंदू संगठनों, निर्मोही अखाड़े के पंच और जानराज टोरिया के महंत भगवान दास सिंगारी की बैठक बुलाई गई. अब एसडीएम अखिल राठौर ने जानराज टोरिया के महंत के पास बैठकर कर विवाद सुलझा लिया है. मंदिर का ताला भी खोल दिया गया है. मंदिर में फिर से श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन होने लगे हैं.