पिंकी, गुड़िया और हाजिरा की तलाश… लेडी गैंग की ये शातिर महिलाएं ATS की रडार पर, करती थीं ये काम

यूपी में धर्मांतरण की साजिश में एक के बाद एक हो रहे खुलासे से सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है. छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद अब यूपी एटीएस की रडार पर उसके नेटवर्क से जुड़ी महिलाएं और सहयोगी सदस्य हैं, जिनमें पिंकी, हाजिरा, गुड़िया उर्फ रकीबा जैसे नाम प्रमुख हैं. इन महिलाओं पर न केवल जबरन धर्मांतरण करवाने का आरोप है, बल्कि विरोध करने वालों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कराने और उन्हें सामाजिक व आर्थिक रूप से तोड़ने की भी साजिश रचने का संदेह है.

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एटीएस को अब भी छांगुर गैंग के कम से कम 9 फरार सदस्यों की तलाश है. इस गिरोह की लेडी गैंग को नसरीन उर्फ नीतू के द्वारा सीधे तौर पर संचालित किया जाता था. यही नहीं, गिरोह से जुड़े कुछ नाम ऐसे भी सामने आए हैं जो धर्मांतरण की आड़ में राजनीतिक और सामाजिक रूप से खुद को सत्ता के नजदीक बताकर सुरक्षा एजेंसियों को गुमराह कर रहे थे.

महिलाओं की आड़ में तैयार हुआ नया चेहरा

धर्मांतरण गिरोह की पड़ताल में यह सामने आया है कि छांगुर नेटवर्क की महिलाएं लेडी मॉड्यूल के रूप में काम करती थीं. पिंकी, हाजिरा और गुड़िया उर्फ रकीबा जैसे नाम लगातार सामने आ रहे हैं, जिन पर भोली-भाली महिलाओं और बच्चों को झांसा देकर धर्मांतरण करवाने का आरोप है. इन महिलाओं की खास भूमिका धर्मांतरण के लिए भावनात्मक दबाव बनाना, फर्जी मदद का लालच देना और सामाजिक बहिष्कार की धमकी देना रहा है. सूत्रों के अनुसार, इस लेडी गैंग को नीतू उर्फ नसरीन नियंत्रित करती थी जो खुद को सामाजिक कार्यकर्ता और महिला अधिकारों की आवाज बताकर छिपे एजेंडे को अंजाम देती थी.

ATS की रडार पर ईदुल इस्लाम, सगीर और एमन रिजवी

महिलाओं के अलावा जिन अन्य नामों की तलाश यूपी एटीएस को है, उनमें प्रतापगढ़ का ईदुल इस्लाम सबसे बड़ा मोहरा है. बताया जाता है कि वह भारत प्रतीकार्थ सेवा संघ नामक एक फर्जी संगठन चला रहा था, जिसे वह नागपुर से ऑपरेट कर रहा था. खुद को वह भाजपा नेताओं के करीबी के रूप में प्रस्तुत करता था, ताकि कोई उस पर शक न करे. इसके साथ-साथ शंकर, सगीर और एमन रिजवी की भूमिका की भी जांच हो रही है. इन सभी पर एक संगठित नेटवर्क के तहत धर्मांतरण की योजना चलाने और स्थानीय प्रशासन में सांठगांठ के आरोप हैं.

पीड़ितों का दर्द- बेटी को उठाया, मकान तक नहीं बनने दिया

उन पीड़ितों की आपबीती सामने आई है जो इस गिरोह के चंगुल में फंसे. एक पीड़ित मुराली ने बताया कि उसकी पत्नी और बच्चों को जबरन इस्लाम कबूल करवाने का प्रयास किया गया. जब उसने विरोध किया तो उसकी बेटी को उठा लिया गया और इस्माइल नाम के एक शख्स ने जबरदस्ती धर्म बदलवाया. पीड़ित अशोक कुमार और अरुण कुमार ने खुलासा किया कि जलालुद्दीन उर्फ जालू ने उनके परिवार के कई लोगों के नाम बदलवाकर सरकारी दस्तावेजों में इस्लामी नाम दर्ज करवा दिए यहां तक कि किसी को सद्दाम हुसैन तक बना दिया गया.

विरोध किया तो झूठे मुकदमे, जमीन पर कब्जा

पीड़ितों ने बताया कि जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में फर्जी मुकदमे दर्ज करवा दिए गए. ग्राम प्रधान शकील अहमद, सभासद जलालुद्दीन उर्फ जालू और इस्माइल मिलकर पीड़ितों की जमीनों पर कब्ज़ा करते रहे और उन्हें धमकाते रहे कि इस्लाम कबूल करो या गांव छोड़ दो. जिन्होंने धार्मिक पहचान बदलने से मना किया, उन्हें या तो गांव में अलग-थलग कर दिया गया या सरकारी मशीनरी के जरिए दबाव में लिया गया.

धर्मांतरण के साथ लैंड जिहाद का भी नेटवर्क

जांच में यह बात भी सामने आई है कि यह नेटवर्क केवल धार्मिक परिवर्तन तक सीमित नहीं था, बल्कि ज़मीनों पर अवैध कब्जे (लैंड जिहाद) का सुनियोजित षड्यंत्र भी चला रहा था. जो परिवार कमजोर थे, या जिनके पास वैध जमीन के कागजात नहीं थे, उन्हें इस गिरोह ने निशाना बनाया. धर्मांतरण के बदले पैसे, मकान, नौकरी और अन्य लालच देकर लोगों को बहकाया जाता था. विरोध करने पर सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर उन्हें झूठे मामलों में फंसा दिया जाता था.

छांगुर के बाद अब जालू का नेटवर्क बेनकाब

एटीएस की कार्रवाई में छांगुर बाबा का नाम सबसे पहले सामने आया था. अब उसके बाद जलालुद्दीन उर्फ जालू के नेटवर्क की परतें खुल रही हैं. दोनों ही नेटवर्क भारत-नेपाल बॉर्डर के संवेदनशील इलाकों में सक्रिय थे और सीमावर्ती क्षेत्रों में आबादी का धार्मिक संतुलन बदलने की रणनीति पर काम कर रहे थे.

लैंड-जिहाद की शिकायतों के बाद पंचायत अधिकारियों का तबादला

धर्मांतरण और जमीन कब्जे की बढ़ती शिकायतों के बाद बलरामपुर जिले के प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है. मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु गुप्ता के आदेश पर 14 ग्राम पंचायत अधिकारियों का तत्काल तबादला कर दिया गया है. ये तबादले खासतौर पर उन इलाकों से किए गए हैं जहाँ इन घटनाओं की सबसे ज्यादा शिकायतें आई थीं. गैड़ासबुजुर्ग जहां छांगुर बाबा का पुश्तैनी घर है. वहां के अधिकारी का स्थानांतरण कर दिया गया है. इसी तरह उतरौला, श्रीदत्तगंज, गैसड़ी, हरैया सतघरवा जैसे क्षेत्रों से अधिकारियों को हटाया गया है.

तबादला सूची में प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:

उमाशंकर पाल: उतरौला से हरैया सतघरवा

शंभू दयाल: उतरौला से श्रीदत्तगंज

रंजीत कुमार आजाद: श्रीदत्तगंज से उतरौला

राम अचल: हरैया सतघरवा से उतरौला

राधेश्याम यादव: गैड़ासबुजुर्ग से गैसड़ी

मुकेश कुमार: उतरौला से गैसड़ी

प्रवीण गुप्ता: श्रीदत्तगंज से हरैया सतघरवा

मनोज गौतम: गैसड़ी से श्रीदत्तगंज

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