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रात में बाइक से आए, कुछ देर रुके, बातचीत की और… कानपुर ट्रेन केस में इन दो संदिग्धों की तलाश, CCTV में कैद

कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन को डिरेल करने की साजिश के खुलासे में जांच एजेंसियां लगी हुई हैं. देर रात पुलिस और एजेंसियों ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली. इसमें घटनास्थल से महज 200 मीटर दूर दो संदिग्ध लोग नजर आए. फुटेज के आधार पर अब उन दोनों की तलाश शुरु कर दी गई है.

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हालांकि, कालिंदी एक्सप्रेस साजिश के मामले में कई लोगों को पूछताछ के लिए उठाया गया है लेकिन अभी तक एजेंसियों और पुलिस के हाथ खाली हैं. ऐसे में पुलिस और अन्य जांच एजेंसीज की टीमें रात-रात भर आसपास के सभी सीसीटीवी फुटेज की गहनता से जांच कर रही हैं. इसी बीच घटनास्थल से 200 मीटर दूर दो संदिग्ध लोग सीसीटीवी में नजर आए हैं.

बताया जा रहा है कि ये दोनों संदिग्ध ठीक उसी वक्त वहां दिखे हैं, जब यह पूरी घटना हुई. दोनों टोल पार करते-करते अचानक बाइक रोक लेते हैं और उसके बाद आपस में कुछ देर बात करते हैं. इसके बाद वहां से निकल जाते हैं. फिलहाल, पुलिस दोनों की तलाश में जुट गई है. जांच एजेंसीज ऐसे कई और संदिग्धों को चिन्हित करके उन तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है.

एक्शन में पुलिस और जांच एजेंसीज

आपको बता दें कि कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को दहलाने की साजिश के पीछे के आरोपियों को पकड़ने के लिए लगातार कार्रवाई जारी है. घटनास्थल के आसपास के गांव से लोगों को पुलिस हिरासत पर ले रही है. ऐसे लोग जिनकी गतिविधियां संदिग्ध रही हैं, उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. पुलिस अब तक 30 से अधिक लोगों को हिरासत में ले चुकी है. इसी सिलसिले में पुलिस ने मुंडेरी गांव के रहने वाले आधा दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है. इनमें एक ही परिवार के चार लोग भी शामिल हैं.

गौरतलब हो कि कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश के पीछे यूपी एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्ते) ने आतंकी संगठन खुरासान मॉड्यूल का हाथ होने का संदेह जाताया है. सूत्रों की मानें तो एटीएस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि इसके पीछे आईएस के खुरासान मॉड्यूल का हाथ हो सकता है. इस मॉड्यूल के लड़के खुद को कट्टरपंथी बनाकर वुल्फ अटैक करते हैं. इस तरह के हमले 2017 में मध्य प्रदेश की ट्रेनों में हुए थे.

मालूम हो कि कानपुर में बीते रविवार ट्रेन हादसा होने से टल गया. दरअसल, अनवरगंज-कासगंज रेलवे स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक पर भरा हुआ LPG गैस सिलेंडर रखा गया था. कालिंदी एक्सप्रेस तेजी से गुजर रही थी, तभी अचानक लोको पायलट की नजर रेलवे ट्रैक पर पड़े सिलेंडर पर पड़ी. उसने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी, लेकिन ज्यादा स्पीड होने की वजह से ट्रेन सिलेंडर से जा टकराई. गनीमत रही कि सिलेंडर ब्लास्ट नहीं हुआ.

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