बीते कुछ समय में मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच सुर्खियों में रही हैं. पहले अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने उनपर पर अडानी ग्रुप के साथ संबंध के गंभीर आरोप लगाए, तो इसके बाद वे कांग्रेस (Congress) के निशाने पर आ गईं. अब सेबी चीफ से जुड़ी एक और बड़ी खबर आई है. दरअसल, माधबी बुच इसी महीने संसद की लोक लेखा समिति यानी PAC के सामने पेश होंगी.
24 अक्टूबर को पेश हो सकती हैं सेबी चीफ!
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सेबी चीफ 24 अक्टूबर 2024 को संसद की लोक लेखा समिति के समक्ष पेश हो सकती हैं. पीएसी ने वित्त मंत्रालय, सेबी और ट्राई के टॉप लेवल अधिकारियों को तलब किया है. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि रेगुलेटरी बॉडी के प्रदर्शन की समीक्षा की जा रही है और SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के अलावा भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी पैनल के सामने पेश हो सकते हैं.
हिंडनबर्ग के आरोपों के बीच बैठक
गौरतलब प्रमुख संसदीय पैनल की ये बैठक ऐसे समय में हो रही है, जबकि सेबी चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच को लेकर अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने अरबपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले Adani Gorup के साथ कथित संबंधों को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. यहां बता दें कि Hindenburg ने बीते साल की शुरुआत में गौतम अडानी और उनकी कंपनी पर भी निशाना साधा था और एक रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसके बाद अडानी ग्रुप को बड़ा नुकसान हुआ था.
कांग्रेस ने भी साथ थी निशाना
SEBI चीफ पर हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद बीते अगस्त 2024 में कांग्रेस ने भी माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के खिलाफ लगाए गए आरोपों को मुद्दा बनाकर निशाना साधा था और सेबी प्रमुख के पद से उनके इस्तीफे की भी मांग की थी. हालांकि, कांग्रेस और हिंडनबर्ग के आरोपों को निराधार बताते हुए सेबी चेयरपर्सन ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है. Hindenburg ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाते हुए कहा था कि Adani Group पर जारी रिपोर्ट के 18 महीने के बाद भी सेबी ने इसके खिलाफ आरोपों में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है.
Hindenburg की ओर से कहा गया था कि व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों से खुलासा होता है कि माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने 5 जून, 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ अपना अकाउंट खोला. इसमें दंपति का कुल निवेश 10 मिलियन डॉलर आंका गया है. हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि ऑफशोर मॉरीशस फंड की स्थापना इंडिया इंफोलाइन के माध्यम से अडानी ग्रुप के एक निदेशक ने की थी और यह टैक्स हेवन मॉरीशस में रजिस्टर्ड है.
सेबी चीफ ने खारिज किए थे आरोप
अमेरिकी शॉर्ट सेलर की ओर से लगाए गए इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने स्टेटमेंट जारी कर कहा था कि ये आरोप आधारहीन हैं और इनमें किसी भी तरह की कोई सच्चाई नहीं है. हमारा जीवन और फाइनेंस खुली किताब की तरह है. उन्होंने कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है, अब उसने उसी के जवाब में हमारे चरित्र हनन का प्रयास करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि हम पूर्ण पारदर्शिता के साथ नियत समय में एक विस्तृत बयान जारी करेंगे.