शेयर बाजार के नियामक सेबी ने एक बार फिर निवेशकों को चेतावनी दी है कि डब्बा कारोबार पूरी तरह से गैरकानूनी है. सेबी ने साफ कहा है कि निवेशकों को ऐसी किसी भी इकाई से लेन-देन नहीं करना चाहिए जो अवैध तरीके से कारोबारी सेवाएं दे रही हो. दरअसल, पिछले हफ्ते एक अखबार में डब्बा कारोबार से जुडा एक विज्ञापन छपा था, जिसे सेबी ने गंभीरता से लिया है.
सेबी ने उठाए सख्त कदम
अखबार में डब्बा ट्रेंडिग की एड छपने के बाद सेबी ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है. नियामक ने अखबार को पत्र लिखकर चिंता जताई है, जिसमें डब्बा कारोबार को बढ़ावा देने वाला विज्ञापन छपा था. सेबी का कहना है कि इस तरह के विज्ञापन न केवल गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं, बल्कि निवेशकों को गुमराह भी करते हैं. इसके साथ ही, सेबी ने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज की है और विज्ञापन देने वाली इकाई के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने भी इस मामले में निवेशकों को सावधान रहने की सलाह दी है. एनएसई ने कहा है कि निवेशकों को केवल सेबी-पंजीकृत ब्रोकर और मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों के जरिए ही कारोबार करना चाहिए. एनएसई ने डब्बा कारोबार के खतरों को दोहराते हुए कहा कि इसमें शामिल होने से निवेशकों को भारी नुकसान हो सकता है.
विज्ञापन मानकों पर भी सवाल
सेबी ने इस मामले को भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) के सामने भी उठाया है. नियामक ने एएससीआई से इस विज्ञापन के मानकों का उल्लंघन जांचने और जरूरी सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की है. सेबी का कहना है कि इस तरह के विज्ञापन निवेशकों को भटकाने का काम करते हैं और बाजार की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाते हैं.
सेबी ने दी निवेशकों को सलाह
सेबी ने निवेशकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी ऐसी इकाई से लेन-देन न करें जो अवैध कारोबारी सेवाएं दे रही हो. सेबी ने कहा, हम निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. इसके लिए हम नियामकीय उपाय, जागरूकता अभियान और कानून लागू करने वाली एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. निवेशकों को सलाह दी गई है कि वे केवल सेबी-पंजीकृत ब्रोकर और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों के जरिए ही निवेश करें.
डब्बा कारोबार क्या है?
डब्बा कारोबार का मतलब है शेयर बाजार से बाहर और बिना किसी नियामकीय निगरानी के किया जाने वाला अवैध व्यापार. यह कारोबार मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों के दायरे से बाहर होता है. सेबी के मुताबिक, इस तरह की गतिविधियां निवेशकों के लिए बड़ा जोखिम पैदा करती हैं. यह न केवल निवेशकों के पैसे को खतरे में डालता है, बल्कि यह प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम, 1956, सेबी अधिनियम, 1992 और भारतीय न्याय संहिता, 2023 के कई प्रावधानों का उल्लंघन भी करता है.