अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने न्यूयॉर्क कोर्ट से अनुरोध किया है कि अदाणी मामले और एज़्योर पावर (Azure Power) के सिरिल कैबेन्स मामले की सुनवाई एक साथ की जाए.
एसईसी ने अपने आवेदन में कोर्ट से कहा कि अदाणी सिविल एक्शन और कैबेन्स सिविल एक्शन को एक साथ लेकर सुनवाई की जानी चाहिए. बता दें, 5 दिसंबर को SEC ने अमेरिकी न्यायालय के समक्ष आवेदन दायर किया गया था. सिरिल कैबेन्स (Cyril Cabanes) पर FCPA का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है.
अदाणी मामले को लेकर SEC का नया दांव
एसईसी का कहना है कि दोनों मामले एक ही लेनदेन और एक ही सबूत पर आधारित हैं. इसलिए दोनों मामले आपस में जुड़े हुए हैं, और एक साथ इनपर सुनवाई होनी चाहिए. एसईसी ने अदालत से इन मामलों को आधिकारिक तौर पर संबंधित मानने की भी अपील की है. हालांकि एसईसी द्वारा अदालत के समक्ष केवल एक अनुरोध किया गया है. अदालत ने अभी तक एसईसी के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया है. ऐसे में मामला कोर्ट के पास विचाराधीन है.
दरअसल, अमेरिकी जांच एजेंसी का ये कदम इसलिए अहम माना जा रहा है कि भारत के दो वरिष्ठ वकीलों (मुकुल रोहतगी और महेश जेठमलानी) ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि गौतम अदाणी और सागर अडानी पर एफसीपीए के उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया है. जबकि दूसरी ओर, सिरिल कैबेन्स पर एफसीपीए के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है. लेकिन अब एसईसी अदालत से कह रहा है कि इन दोनों मामलों की सुनवाई एक साथ की जाए.
अदाणी पर घूस देने का आरोप
गौरतलब है कि गौतम अदाणी पर अमेरिकी जांच एजेंसी का आरोप है कि उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी थी. इस मामले में गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी के खिलाफ अमेरिकी कोर्ट की ओर से अरेस्ट वारंट जारी हो चुका है.
अदाणी मामले को लेकर राजनीति तेज
वहीं गौतम अदाणी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है. हालांकि अमेरिकी कोर्ट ने अदाणी से कहा है कि वह कोर्ट में आकर अपना स्पष्टीकरण दें. इस बीच मामले को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है. कांग्रेस अदाणी मामले को लेकर केंद्र सरकार को घेर रही है. कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार गौतम अदाणी को बचा रही है.
वहीं केंद्र सरकार ने पलटवार करते हुए अदाणी मामले को एक साजिश करार दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय व्यवसायी गौतम अदाणी को निशाना बनाने जाने के पीछे अमेरिकी विदेश विभाग का हाथ है. अमेरिकी दूतावास ने इन आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इन्हें निराशाजनक बताया है.
अमेरिकी जांच एजेंसी से पहले हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. जिस वजह से अदाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी. अमेरिकी एजेंसी द्वारा हालिया आरोप के बाद भी अदाणी ग्रुप के शेयरों में कई दिनों तक गिरावट का दौर चला. जिससे गौतम अदाणी की नेटवर्थ में भारी गिरावट देखी गई.