सरगुजा जिले के अमेरा ओपनकास्ट कोल माइंस के विस्तार को लेकर तनाव की स्थिति बन गई है। SECL प्रबंधन ने मंगलवार से किसानों की खड़ी धान की फसल में बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया, जिस पर ग्रामीणों ने कड़ा विरोध जताया। मामला लखनपुर थाना क्षेत्र के परसोढ़ी कला गांव का है।
दरअसल, 2001 में भूमि अधिग्रहण हुआ। अब तक मात्र 19% किसानों ने ही मुआवजा लिया है। किसानों को अब तक न नौकरी मिली, न उचित मुआवजा। इसलिए विरोध तेज कर दी। पुलिस बल बुलाकर फसल पर खुदाई कार्य कराया गया। ग्रामीण बोले कि, बिना सहमति, हमारी खेती बर्बाद की जा रही है।
खदान विस्तार अटका, तनाव बढ़ा
अमेरा क्षेत्र में कोयला उत्खनन पूरा होने के बाद खदान का विस्तार दो साल से किसानों के विरोध के चलते रुका हुआ था। अब SECL ने अचानक मशीनें चलवाकर जमीन खोदनी शुरू कर दी। मंगलवार को महेंद्र प्रसाद राजवाड़े और शिवपाल राजवाड़े की फसल रौंद दी गई। बुधवार को भी खुदाई जारी रही लेकिन ग्रामीणों के विरोध पर काम रोकना पड़ा।
पहले भी हो चुका है विवाद
कुछ समय पहले अधिगृहीत भूमि से कोयला सैंपल लेने गई खान प्रबंधन की टीम पर हमला हो चुका है, जिसमें अधिकारी घायल हुए थे। अब एक बार फिर से कंपनी और ग्रामीण आमने-सामने हैं।
ग्रामीणों का आरोप- न मुआवजा, न नौकरी
ग्रामीणों का कहना है कि 2001 में जिस कीमत पर जमीन अधिग्रहित हुई थी, आज उसकी कीमत कई गुना बढ़ चुकी है। उस समय नौकरी के लिए प्रस्तावित नाम वाले लोग अब उम्रदराज हो चुके हैं। वे चाहते हैं कि नौकरी उनके बच्चों को मिले। इसलिए ग्रामीण न मुआवजा ले रहे हैं और न ही जमीन छोड़ने को तैयार हैं।
ग्रामीण नहीं ले रहे मुआवजा- SECL
SECL के वरिष्ठ अधिकारी केके भोई ने कहा कि, जमीन अधिग्रहण 2001 में ही हो चुका है। खेती नहीं करने का नोटिस पहले ही किसानों को दिया गया था। अब तक 19% किसानों ने मुआवजा ले लिया है, बाकी लेने को तैयार नहीं हैं। मुआवजा ट्रिब्यूनल में जमा करने की अनुमति मिल चुकी है, इसलिए जमीन न देने का प्रश्न नहीं बनता।
बिना सहमति लिए कर रहे खुदाई
पूर्व जनपद सदस्य धमेंद्र झरिया ने कहा कि, SECL की मनमानी से किसानों की फसल बर्बाद हो रही है। जिन किसानों ने मुआवजा नहीं लिया, उनकी जमीन पर जबरन खुदाई की जा रही है। विरोध के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। अब इस मुद्दे को विधायक और मंत्री के सामने रखा जाएगा।