पश्चिम बंगाल (West Bengal) के दक्षिण 24 परगना जिले में पुलिस ने नकली सोने की मूर्तियों के कथित डीलर के घर के नीचे एक छिपी हुई सुरंग का पता लगाया है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने इसे ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंता’ बताया और ममता बनर्जी सरकार से राज्य में कानून का शासन बनाए रखने की गुजारिश की. सीक्रेट सुरंग 40 मीटर लंबी है और इसमें कमर तक पानी भरा है. यह सुरंग भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के पास बहने वाली मतला नदी और सुंदरबन डेल्टा से जुड़ती है.
अधिकारियों का मानना है कि तस्कर सद्दाम सरदार और उसके साथियों ने इस सुरंग का इस्तेमाल पुलिस द्वारा की गई छापेमारी के दौरान भागने के लिए किया था. पुलिस ने सोशल मीडिया पर नकली सोने की मूर्तियों से जुड़ी धोखाधड़ी और खरीदी गई वस्तुओं की डिलीवरी न होने की कई शिकायतें दर्ज की थीं.
बरुईपुर के एसपी पलाश चंद्र ढाली ने बताया, “हमें सद्दाम सरदार और उसके भाई सैरुल के खिलाफ नादिया के एक व्यक्ति को ठगने की शिकायत मिली थी. सरदार भाइयों ने नकली सोने का सामान देने का लालच देकर उस व्यक्ति से 12 लाख रुपए ठग लिए थे. शिकायत के आधार पर हमने दोनों की तलाश शुरू की, जो उसके बाद से ही फरार हैं.”
भीड़ ने पुलिस पर किया हमला
15 जुलाई को कुलतली पुलिस को सद्दाम सरदार के पश्चिम बंगाल स्थित उसके घर पर वापस लौटने की जानकारी मिली. छापेमारी के दौरान पुलिस को हिंसक प्रतिरोध का सामना करना पड़ा.
सद्दाम के परिवार के सदस्यों ने, उसके भाई सैरुल के नेतृत्व में, पुलिस के साथ हाथापाई की. सैरुल को ‘प्रभावशाली’ बताया जाता है. उसने कथित तौर पर भीड़ को उकसाया, जिसने पुलिस पर पत्थरों से हमला किया. इसके बाद तीन अधिकारी घायल हो गए.
एसपी ढाली ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “सद्दाम सरदार के बारे में खबर मिलने के बाद, हम उसके ठिकाने पर पहुंचे और उसे पकड़ने की कोशिश की. हालांकि, उसके भाई सैरुल से प्रभावित भीड़ ने हिरासत के दौरान हमारी टीम पर हमला कर दिया.” सैरुल ने कथित तौर पर पुलिस को डराने और सरदार को भागने में मदद करने के लिए हवा में कई राउंड फायरिंग की. वह अभी भी फरार है.
शुरुआती छापेमारी के बाद, पुलिस उस शाम वापस लौटी और सरदार के घर के नीचे पानी के नीचे सुरंग की खोज की. एक अधिकारी ने बताया, “सुरंग, जो घर के पीछे से निकलती है, नहर की ओर जाती है और नाव से मतला नदी तक पहुंचती है. वहां से, सुंदरबन डेल्टा के जलमार्गों के जरिए भागना मुमकिन है.”
काफी लंबी और गहरी है सुरंग
ईंट और कंक्रीट से बनी ये सुरंग लगभग 40 मीटर लंबी, 8-10 फीट गहरी, 5-6 फीट ऊंची और 4-5 फीट चौड़ी है. इसे सरदार के एक मंजिला घर के भूमिगत कमरे में एक खाट के नीचे छिपाया गया था. जलमार्ग मतला नदी में खुलता है, जिससे भारत-बांग्लादेश सीमा की तरफ खाड़ियों के जरिए आगे भागने में सुविधा होती है.
सद्दाम और सैरुल सरदार पर नकली सोने की मूर्तियां बेचकर लोगों को ठगने का आरोप है. कथित तौर पर उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए खरीदारों को डिस्काउंट वाली सोने की मूर्तियों के ऑफर देकर आकर्षित किया, लेकिन उनके आने पर उन्हें लूट लिया और नकली सामान दे दिया. पुलिस ने कानून प्रवर्तन पर हमले में शामिल होने के आरोप में सद्दाम की पत्नी मसुदा सरदार और सैरुल सरदार की पत्नी राबेया सरदार सहित परिवार की दो महिला सदस्यों को गिरफ्तार किया. सरदार का पता लगाने के लिए तलाशी जारी है और अब गांव में पुलिस की एक बड़ी मौजूदगी है.
चिंतित नजर आए राज्यपाल
बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सुरंग के मिलने पर चिंता जताई और इसे ‘राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता’ बताया. उन्होंने कहा, “नहर और उसके बाद मतला नदी तक जाने वाली इस सुनियोजित सुरंग का अस्तित्व राष्ट्रीय सुरक्षा के गंभीर मुद्दे उठाता है. राजनीतिक हस्तियों द्वारा संचालित ऐसी आपराधिक गतिविधियों का उद्देश्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों में डर पैदा करना और जांच में बाधा डालना है.”
राज्यपाल बोस ने राज्य सरकार से पुलिस की प्रभावशीलता बढ़ाने और कानून के शासन को बनाए रखने की गुजारिश की है. उन्होंने इंटरनेशनल बॉर्डर पर संगठित अपराध से निपटने के लिए उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट मांगी है.
इस बीच, बीजेपी के सीनियर नेता दिलीप घोष ने ममता बनर्जी पर अपराधियों का समर्थन करने का आरोप लगाया. सोशल मीडिया पोस्ट में घोष ने लिखा, “कई अपराधों में शामिल सद्दाम सरदार को कथित तौर पर ममता बनर्जी का आशीर्वाद प्राप्त है. अपराध और राजनीतिक संरक्षण के इस पैटर्न पर ध्यान दिया जाना चाहिए.”