सुकमा: बस्तर में माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन का फायदा अब मिलने लगा है. फोर्स के हाथों मारे जाने के भय से अब नक्सली संगठन में बिखराव हो रहा है. शनिवार को एक बार फिर पांच माओवादियों ने पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. सरेंडर करने वालों में एक हार्डकोर नक्सली तेलम हुंगा शामिल है. बाकी चार सरेंडर करने वाले नक्सली माओवादी संगठन में काम करने वाले निचले स्तर के सदस्य हैं.
पांच माओवादियों ने किया सरेंडर: सरेंडर करने वाले नक्सलियों में तेलम हुंगा प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की दुलेद क्रांतिकारी पार्टी समिति (आरपीसी) के तहत चेतना नाट्य मंडली (सीएनएम) का उपाध्यक्ष था. बाकी चार सरेंडर करने वाले नक्सली संगठन में काम करते थे. सरेंडर करने वाले सभी नक्सली बड़े माओवादी नेताओं की प्रताड़ना से परेशान थे. सरेंडर करने वाले माओवादियों को सरकार पूना नरकोम योजना के तहत सभी सरकारी सुविधाएं मुहैया कराएगी.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
रंग ला रहा है पूना नारकोम और लोन वर्राटू अभियान: बस्तर में माओवादियों के सफाए के लिए लगातार चल रहा है एंटी नक्सल ऑपरेशन. इस ऑपरेशन का असर अब बड़े पैमाने पर नजर भी आने लगा है. बस्तर में माओवादियों के सरेंडर करने के लिए दो योजनाएं भी चलाई गई हैं. पहला है पूना नारकोम जिसे गोंडी भाषा में नई सुबह कहते हैं. दूसरा है लोन वर्राटू यानि घर लौट आइए. दोनों अभियान के तहत इस साल 100 से ज्यादा नक्सली आतंक का रास्ता छोड़ चुके हैं. जिस तेजी से बस्तर में माओादियों का एनकाउंटर हो रहा है और नक्सली सरडेंर कर रहे हैं उससे सरकार खुश है. सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द माओवाद का खात्मा हो.