भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति पैदा होता देख BCCI ने तुरंत एक्शन लिया था. बोर्ड ने पहले पंजाब किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच खेले जा रहे मैच को बीच में ही रोककर रद्द किया. वहां से खिलाड़ियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. फिर आईपीएल को एक हफ्ते के लिए सस्पेंड कर दिया. लेकिन इस बीच अब पाकिस्तान की गिरी हुई हरकत सामने आई है. मिसाइल और ड्रोन हमलों के बीच उसने PSL को कराची में जारी रखने का फैसला किया था. PSL के लिए PCB चीफ मोहसिन नकवी ने विदेशी खिलाड़ियों की जान को जोखिम में डाल दिया था. इस बात की खुलासा बांग्लादेशी क्रिकेटर रिशाद होसैन ने किया है.
विदेशी खिलाड़ियों की जान से खिलवाड़
पीसीबी के चेयरमैन मोहसिन नकवी भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव पैदा होने और हमले होने के बावजूद पीएसएल कराने पर तुले हुए थे. इसलिए उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया था. आईपीएल सस्पेंड होने के बाद ही उन्होंने पीएसएल को पोस्टपोन करने का फैसला किया. लेकिन रिशाद होसैन ने खुलासा किया है कि नकवी ने विदेशी खिलाड़ियों की एक मीटिंग बुलाई थी. इस दौरान उन्होंने एक दिन पहले ही हुए ड्रोन हमले की बात उनसे छुपाई. वो विदेशी खिलाड़ियों की जान जोखिम में डालकर बचे हुए मैच को कराची में आयोजित करने पर जोर दे रहे थे, लेकिन कोई भी नहीं माना. सभी दुबई जाने की जिद पर अड़े रहे. तब जाकर उन्होंने अपना फैसला बदला.
पाकिस्तान से सुरक्षित निकलने के बाद रिशाद ने दुबई एयरपोर्ट पर पत्रकारों से कहा, “हम मौजूदा स्थिति के बारे में क्या सोच रहे हैं और हमारी चिंताओं को जानने के लिए एक मीटिंग बुलाई गई थी. लगभग सभी विदेशी खिलाड़ियों ने कहा कि टूर्नामेंट के लिए एकमात्र सुरक्षित स्थान दुबई है. इस दौरान पीसीबी चेयरमैन ने हमें बाकी बचे मैच कराची में कराने के लिए मनाने की कोशिश की थी. उस समय उन्होंने हमसे यह छिपाने की कोशिश की कि एक दिन पहले ही दो ड्रोन हमले हुए थे. इसके बारे में हमें बाद में पता चला. बाद में हम सभी ने दुबई में शिफ्ट होने का फैसला लिया.”
पाकिस्तानी सेना ने भी की गिरी हरकत
रिशाद ने अपने खुलासे में ये भी बताया कि विदेशी खिलाड़ियों के फ्लाइट पकड़ने के 20 मिनट बाद ही एयरपोर्ट पर मिसाइल से अटैक हुआ था. इस तरह उन्होंने पाकिस्तानी सेना की एक और गिरी हरकत को उजागर किया. दरअसल, भारत सरकार ने हाल ही में खुलासा किया था कि ड्रोन और मिसाइल से हमले करते हुए पाकिस्तान ने अपने एयरस्पेस को बंद नहीं किया था और वो सिविल एयरलाइन्स की ढाल बना रहा था. इस तरह उसने खिलाड़ियों की जान जोखिम में डालने की कोई कसर नहीं छोड़ी.