रीवा: सेमरिया की राजनीति में उस वक्त भूचाल आ गया, जब सेमरिया विधानसभा (69) के विधायक अभय मिश्रा ने सीधे जिला प्रशासन पर गंभीर भेदभाव के आरोप लगाए. विधायक ने चेतावनी दी है कि प्रशासन के इस बदले की राजनीति के विरोध में वह जल्द ही कलेक्टर कार्यालय पर 6 घंटे का उपवास एवं सत्याग्रह करेंगे.
विधायक अभय मिश्रा ने अपने आरोपों को पुष्ट करते हुए कहा कि उन्हें जानबूझकर प्रशासनिक बैठकों से दूर रखा जा रहा है. उन्होंने 29 सितंबर 2025 को हुई महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का हवाला दिया, जिसकी सूचना उन्हें पत्र या फोन द्वारा नहीं दी गई. उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब अन्य सांसदों और विधायकों को बुलाया गया, तो उन्हें बाहर रखना सीधे तौर पर राजनीतिक भेदभाव है. इससे पहले एसीएस जे.एन. कंसोटिया की बैठक में भी उनके साथ यही व्यवहार किया गया था.
अभय मिश्रा ने प्रसाशन पर बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि वह लगातार नेताओ के इशारों पर काम कर रही हैं. उनके अनुसार, सेमरिया क्षेत्र के विकास कार्य पूरी तरह से ठप कर दिए गए हैं. क्षेत्र में खाद्यान्न वितरण, बिजली, पानी और राजस्व जैसे महत्वपूर्ण विभागों का काम रोक दिया गया है, जिससे किसान और आम जनता परेशान है.
विधायक ने इसे ‘सेमरिया की जनता से बदला लेने की राजनीति’ करार दिया. उन्होंने यहाँ तक कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान भी उनके निर्वाचन प्रमाण पत्र को 6 घंटे तक अनावश्यक रूप से रोककर रखा गया था. विधायक अभय मिश्रा ने प्रशासन को दो टूक लहजे में चेतावनी दी है कि जब तक यह भेदभावपूर्ण रवैया नहीं छोड़ा जाता और सिमरिया के विकास कार्य शुरू नहीं होते, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा.
कलेक्टर कार्यालय पर 6 घंटे के सत्याग्रह की घोषणा ने जिले में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. अब देखना यह है कि प्रशासन विधायक के इन आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देता है.