धमतरी: ज़िले के कुरुद ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत सिवनीकला के ग्रामीणों ने भारतमाला परियोजना के तहत विशाखापट्टनम सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि में बड़े पैमाने पर हुई धांधली और भ्रष्टाचार के खिलाफ कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला प्रशासन को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि तय समय सीमा में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वह व्यापक जन आंदोलन शुरू करेंगे.
बुधवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण धमतरी कलेक्ट्रेट पहुंचे और अधिकारियों को दस्तावेज सौंपते हुए आरोप लगाया कि भारतमाला परियोजना में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने पहले भी कई बार इसकी शिकायतें की हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. ग्रामीणों के अनुसार, करीब 90 किसानों के नाम पर फर्जी तरीके से भूमि का बंटवारा और नामांतरण किया गया और अवैध रूप से मुआवजा हड़प लिया गया. आरोप है कि 1 एकड़ जमीन के बदले 1 करोड़ रुपये तक का मुआवजा प्राप्त किया गया, जबकि उसकी वास्तविक कीमत लगभग 18 लाख रुपये थी.
ग्रामीणों ने बताया कि शासन ने 1 मई 2019 को भू-अर्जित भूमि का प्रकाशन किया था. इसके बाद कुछ प्रभावशाली लोगों ने पटवारी से सांठगांठ कर फर्जी नामांतरण, बंटवारा और बटांकन करवा कर राजस्व अभिलेखों में हेराफेरी की. एक ही खसरा नंबर को अलग-अलग टुकड़ों में बांटकर फर्जी लाभ लिया गया.
पूर्व सरपंच ईश्वरलाल साहू ने बताया कि यह एक सुनियोजित फर्जीवाड़ा है, जिसकी जांच आवश्यक है. वहीं ग्राम मेडरका के निर्मल साहू ने बताया कि भू-माफियाओं ने अधिकारियों से मिलीभगत कर करोड़ों रुपये का घोटाला किया है. उन्होंने RTI के जरिए निकाले गए दस्तावेजों को प्रशासन को सौंपा है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे जिला पंचायत सदस्य एवं कांग्रेस नेता नीलम चंद्राकर ने कहा कि इस घोटाले में सत्तापक्ष से जुड़े एक बड़े नेता का संरक्षण मिला हुआ है. सिवनीकला के ग्रामीण पिछले दो महीने से लगातार आवेदन दे रहे हैं, लेकिन अब तक प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया है. चंद्राकर ने बताया कि एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के नाम मात्र 20 हजार रुपये में दानपत्र दिखाकर जमीन के कई टुकड़े किए और एक करोड़ रुपये का मुआवजा वसूल लिया. ऐसे कई और मामले जांच में सामने आ सकते हैं, लेकिन प्रशासन जानबूझकर मामले को टालता नजर आ रहा है.
अंत में ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि 15 दिनों के भीतर दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो सिवनीकला में व्यापक जन आंदोलन शुरू किया जाएगा और इसकी पूरी ज़िम्मेदारी प्रशासन की होगी.