सितंबर 2025 का महीना धार्मिक दृष्टि से बेहद खास रहने वाला है। इस महीने कई बड़े व्रत, त्योहार और ज्योतिषीय घटनाएं पड़ने वाली हैं, जिनका इंतजार श्रद्धालु बेसब्री से कर रहे हैं। शारदीय नवरात्रि, अनंत चतुर्दशी, पितृपक्ष और चंद्र ग्रहण जैसी घटनाएं इस बार सितंबर को और भी महत्वूर्ण बना रही हैं। आइए जानते हैं इस महीने पड़ने वाले प्रमुख पर्वों और व्रतों के बारे में विस्तार से।
सितंबर की शुरुआत अनंत चतुर्दशी से होगी, जो 8 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा का विशेष महत्व होता है। खासकर गणेश विसर्जन भी इसी दिन होता है, जिसे धूमधाम से मनाया जाता है। इसके बाद 9 सितंबर से पितृपक्ष आरंभ होगा, जो 23 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान पितरों के तर्पण और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। माना जाता है कि इससे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
सितंबर का सबसे प्रमुख पर्व शारदीय नवरात्रि होगा, जिसकी शुरुआत 25 सितंबर से होगी और यह 3 अक्टूबर तक चलेगा। नौ दिनों तक माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी। भक्त उपवास रखकर मां दुर्गा की आराधना करेंगे और जगह-जगह देवी पंडाल सजाए जाएंगे। अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व रहेगा।
इसके अलावा इस महीने एक खगोलीय घटना भी घटित होगी। 18 सितंबर को चंद्र ग्रहण लगेगा, जो आंशिक होगा। ज्योतिष के अनुसार इसका प्रभाव धार्मिक कार्यों पर भी पड़ सकता है, इसलिए इस दिन विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है।
इसके साथ ही मासिक शिवरात्रि, एकादशी व्रत और गणेश चतुर्थी जैसे अन्य छोटे-बड़े व्रत भी सितंबर में श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करेंगे।
कुल मिलाकर, सितंबर 2025 धार्मिकता और भक्ति से परिपूर्ण रहेगा। नवरात्रि की भव्यता, पितृपक्ष की श्रद्धा और ग्रहण की ज्योतिषीय महत्ता इसे और भी खास बना रही है। श्रद्धालुओं के लिए यह महीना व्रत-उपवास, पूजा-पाठ और धार्मिक आस्था को मजबूत करने का अवसर लेकर आएगा।