भाजपा नेता पर गंभीर आरोप, किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा

डिंडौरी। भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री और शहपुरा विधानसभा से विधायक ओमप्रकाश धुर्वे पर भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी ने गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। तिवारी का आरोप है कि विधायक ने सार्वजनिक रूप से गाली-गलौज की, लात-घूंसे से धमकाया और आदिवासी एक्ट में फंसाने की धमकी दी। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को भी परिवार सहित इस्तीफा भेजा है।

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विवाद की शुरुआत वाट्सएप ग्रुप चैट से हुई थी, जो धीरे-धीरे प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंच गई। भाजपा राष्ट्रीय मंत्री ने आरोपों को निराधार बताया और कहा कि यह सब मनगढ़ंत हैं। उन्होंने कहा कि न तो उन्होंने गाली-गलौज की और न ही किसी को धमकाया।

वीरेंद्र तिवारी ने बताया कि 10 सितंबर को शाम 5.15 बजे उन्हें शहपुरा विधायक ने जनपद कार्यालय बुलाया, जहां कई भाजपा नेता और अधिकारी मौजूद थे। वहां तिवारी ने विधायक द्वारा मां-बाप और बहन की गाली, मारपीट और आदिवासी एक्ट में फंसाने जैसी धमकियों का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस अपमान और अभद्रता से आहत होकर उन्होंने प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है।

तिवारी ने अपने इस्तीफे में यह भी लिखा कि यदि उनके साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी तय की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री, जिले की प्रभारी मंत्री, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, मंडला सांसद और जिला प्रशासन से सुरक्षा की मांग भी की है।

विवाद का संबंध शहपुरा जनपद की ग्राम पंचायत कंचनपुर में लाखों की अनियमितताओं से भी बताया जा रहा है। तिवारी ने कहा कि विवाद के समय जनपद अध्यक्ष और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। उन्होंने विधायक पर लगातार आपत्तिजनक बातें सोशल मीडिया और वाट्सएप ग्रुप में डालने का आरोप लगाया।

वहीं विधायक ओमप्रकाश धुर्वे का कहना है कि उन्होंने किसी के खिलाफ अपमानजनक व्यवहार नहीं किया और यह केवल आरोप प्रत्यारोप का मामला है। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद ही स्थिति स्पष्ट की जा सकती है।

इस मामले ने भाजपा में गुटबाजी और नेता-कार्यकर्ता के बीच तनातनी को फिर से उजागर किया है।

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