मध्यप्रदेश सरकार में जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। लेकिन यह पहली बार नहीं है कि जब वे विवाद में घिरे हैं। खंडवा जिले की सियासत में शाह की छवि एक ऐसे नेता की बन चुकी है, जो सिर्फ सत्ता का प्रतिनिधि नहीं, बल्कि खुद को ‘सरकार’ समझता है। यह भी कहा जाता है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में कोई शाह का विरोध करे तो या तो जेल पहुंचता है या सिस्टम से बाहर कर दिया जाता है।
विधानसभा चुनाव से पहले एसपी का तबादला हो या राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी पर रासुका लगवाना या फिर विरोधी परिवार की महिला की सरकारी नियुक्ति रद्द करवाना…शाह की कार्यशैली के ऐसे कई उदाहरण हैं।
विरोधी नेता पर कई केस दर्ज खंडवा कोर्ट में क्रिमिनल रिकॉर्ड कीपर रहे मुकेश दरबार शुरू से ही विजय शाह के विरोधी रहे हैं। वे सोशल मीडिया ही नहीं, स्थानीय पत्र-पत्रिकाओं में भी शाह के खिलाफ लिखते रहते थे। इसी वजह से हरसूद विधानसभा क्षेत्र में मुकेश दरबार की पहचान विजय शाह के विरोधी के तौर पर बन गई। दरबार की राजनीतिक सक्रियता भी बढ़ी।
2022 के पंचायत चुनाव में तत्कालीन मंत्री विजय शाह ने अपने बेटे दिव्यादित्य शाह को जिला पंचायत सदस्य पद का प्रत्याशी बनाया। कांग्रेस को उनके सामने एक सशक्त उम्मीदवार की तलाश थी। ऐसे में पार्टी ने मुकेश दरबार को समर्थन दिया और उन्हें मंत्री पुत्र के सामने चुनाव मैदान में उतार दिया। दिव्यादित्य शाह 70 हजार वोटों से ही जीत सके।
इसके बाद मुकेश दरबार ने 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारी करना शुरू कर दी। बस, यहीं से उनके खिलाफ फसल को नुकसान पहुंचाना, छेड़छाड़ और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करना जैसे आपराधिक प्रकरण दर्ज होने लगे।
बढ़ती कानूनी परेशानियों से तंग आकर मुकेश दरबार ने मार्च 2025 में मंत्री विजय शाह से माफी मांगी। कहा कि वे बार-बार कोर्ट में पेश होकर थक चुके हैं। मामले वापस ले लिए जाएं लेकिन स्थिति नहीं बदली। इसी बीच होली के दौरान मुकेश ने सोशल मीडिया पर मंत्री शाह को जान से मारने की धमकी दे दी।
रासुका लगाकर मुकेश को भेजा जेल मंत्री समर्थक की शिकायत पर मुकेश दरबार के खिलाफ हत्या की धमकी देने का केस दर्ज किया गया। पुराने प्रकरणों के आधार पर मुकेश के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) के तहत कार्रवाई की गई और उन्हें जेल भेज दिया गया। फिलहाल, मुकेश दरबार जेल में हैं। उनकी पत्नी स्वाति दरबार कोर्ट के चक्कर लगा रही हैं।
स्वाति ने बताया कि पुलिस ने हरसूद स्थित उनके किराए के मकान को भी खाली करवा दिया, जिसके बाद वह अपने मायके जबलपुर में रह रही हैं। स्वाति ने कहा, ‘मामले में 22 मई को सुनवाई तय है। हमें न्याय की उम्मीद है।’
बहन की नौकरी लगी, नियुक्ति रद्द हो गई शाह से राजनीतिक अदावत का खामियाजा मुकेश की बहन को भी झेलना पड़ा। 21 मार्च को भोपाल स्थित राजभवन सचिवालय की जनजातीय सेल में एडवोकेट सोनल दरबार की विधि सलाहकार पद पर नियुक्ति हुई थी। उनकी जॉइनिंग 8 अप्रैल को होनी थी।
जैसे ही इस बात की जानकारी मंत्री विजय शाह को लगी, उन्होंने अपने कार्यालय से एक नोटशीट तैयार कराकर सोनल की नियुक्ति को रद्द करने की अनुशंसा कर दी। नोटशीट में लिखा कि सोनल दरबार “विरोधी परिवार” से ताल्लुक रखती हैं।
तनातनी के बाद एसपी का तबादला 2023 विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से महज तीन दिन पहले खंडवा एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल का तबादला कर दिया गया। एसपी शुक्ल की खंडवा में पोस्टिंग के बाद से ही विजय शाह से संबंध तनावपूर्ण चल रहे थे।
एक स्थानीय नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया- इस तनातनी की शुरुआत उस वक्त हुई, जब मुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम के दौरान एसपी शुक्ल ने मंत्री पुत्र व जिला पंचायत उपाध्यक्ष दिव्यादित्य शाह को मंच से नीचे उतरवा दिया था। एसपी शुक्ल ने प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए ऐसा किया। बाद में कहा कि उन्हें जानकारी नहीं थी कि दिव्यादित्य मंत्री के बेटे हैं।
इसके बाद पासपोर्ट से जुड़े मामले में एसपी शुक्ल ने एक मंत्री समर्थक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। जिससे दोनों पक्षों के बीच टकराव और गहरा गया। एसपी ने धीरे-धीरे मंत्री समर्थकों के खिलाफ शिकायतों की जानकारी जुटाना शुरू कर दी थी। सूत्रों के अनुसार, आचार संहिता लगते ही कुछ प्रभावशाली लोगों पर कार्रवाई की योजना भी तैयार कर ली गई थी। हालांकि, आचार संहिता लागू होने से पहले ही एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल का तबादला कर दिया गया।
राज्य शासन की कमेटी ने कन्फर्म की रासुका हरसूद टीआई राजकुमार राठौर के मुताबिक, आरोपी मुकेश दरबार के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने संबंधी एफआईआर दर्ज की गई थी। घटना 15 मार्च की है। इन्वेस्टिगेशन चल रही है। जिस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर धमकी दी थी, उस कंपनी से रिपोर्ट बुलाई गई है। जो ऑडियो क्लिप सामने आई थी, उसकी फोरेंसिक जांच कराई है। रिपोर्ट आना बाकी है।
फरियादी बोला- कार्रवाई पूरी तरह जायज केस में फरियादी और पूर्व बीजेपी मंडल अध्यक्ष कमल खंडेलवाल ने कहा- धमकी देने के मामले में मेरे अलावा और भी लोगों ने पुलिस से शिकायत की थी।