आसमान की गहराइयों में छिपे रहस्यों को देखने का रोमांच ही अलग होता है. लेकिन इस हफ्ते, आसमान कुछ खास लेकर आ रहा है. अगर आप तारों और ग्रहों को निहारने के शौकीन हैं, तो यह सप्ताह आपके लिए यादगार बनने वाला है. इस बार सात ग्रह—मंगल, बृहस्पति, यूरेनस, शुक्र, नेपच्यून, बुध और शनि—एकसाथ नजर आएंगे. ऐसा दुर्लभ नजारा 2040 से पहले फिर नहीं दिखेगा. 28 फरवरी को सूरज डूबने के बाद कुछ ही मिनटों के लिए, ये सातों ग्रह एक साथ चमकेंगे.
किन ग्रहों को बिना टेलीस्कोप के देख सकते हैं?
हमारे सौरमंडल के सभी ग्रह सूरज के चारों ओर एक ही समतल कक्षा (plane) में चक्कर लगाते हैं. लेकिन हर ग्रह की गति और दूरी अलग होती है. जब ये सभी ग्रह एक खास कोण पर आ जाते हैं, तो हमें ऐसा लगता है कि ये एक सीध में हैं, जिसे प्लैनेटरी परेड कहा जाता है. हालांकि असल में ये अरबों किलोमीटर दूर होते हैं.
इस अद्भुत खगोलीय घटना में चार ग्रह—बुध, शुक्र, बृहस्पति और मंगल—आप बिना किसी दूरबीन या टेलीस्कोप के देख सकते हैं. शुक्र और बृहस्पति सबसे चमकीले रहेंगे, जिन्हें पहचानना बेहद आसान होगा. मंगल अपनी लालिमा के कारण अलग दिखेगा. शनि को देखना थोड़ा मुश्किल होगा क्योंकि यह क्षितिज के बहुत करीब होगा. यूरेनस और नेपच्यून को देखने के लिए आपको टेलीस्कोप की जरूरत पड़ेगी.
सबसे अच्छा समय और तरीका क्या होगा?
इस दुर्लभ अवसर का पूरा लुत्फ उठाने के लिए सही समय और सही जगह चुनना बेहद जरूरी है. सूरज डूबने के कुछ ही मिनटों के भीतर बुध और शनि क्षितिज से नीचे चले जाएंगे. इसलिए इन्हें देखने का समय बेहद सीमित होगा. शुक्र, बृहस्पति और मंगल को आप देर तक देख सकते हैं. गुरुवार और शुक्रवार को मौसम सबसे साफ रहने की संभावना है, जिससे ग्रहों को देखने का अनुभव और भी बेहतर होगा. किसी खुले मैदान या ऊंची जगह से देखें, जहां क्षितिज साफ नजर आए. शहर की रोशनी से दूर रहें ताकि रोशनी की बाधा कम हो. फोन स्क्रीन से बचें, क्योंकि आंखों को अंधेरे में ढलने में करीब 30 मिनट लगते हैं.