छत्तीसगढ़ के हाईकोर्ट ने शव के साथ यौन शोषण करने के मामले में एक बड़ा फैसला दिया है. जिसमें कोर्ट ने शव के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी को बरी कर दिया है. घटना अक्टूबर 2018 को गरियाबंद में नौ वर्षीय बच्ची के शव के साथ किए गए घिनौने कृत्य की है. जिसमें आरोपी को 22 अक्टूबर 2018 को नीलकंठ उर्फ नीलू नागेश को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
नीलकंठ उर्फ नीलू नागेश ने पूछताछ में बताया कि बच्ची का अपहरण करने के बाद दुष्कर्म कर हत्या की गई थी. नीलकंठ ने अपने बयान में ये भी कहा था कि उसने मृतका के शव के साथ भी दुष्कर्म किया था. हालांकि इसे हाईकोर्ट ने नेक्रोफीलिया का जिक्र करते हुए फैसला दिया है.
जानें क्या है ये बीमारी
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि भारतीय कानून में शव के साथ दुष्कर्म (नेक्रोफीलिया) को अपराध की श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है. इस आधार पर आरोपी को सजा नहीं दी जा सकती. मामला छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले का है, जो नौ साल की एक बच्ची के अपहरण के बाद हत्या और दुष्कर्म से जुड़ा है.
घटना 18 अक्टूबर 2018 को नौ साल की एक बच्ची का शव गरियाबंद के सुनसान इलाके में मिला था. इस मामले में 22 अक्टूबर 2018 को आरोपी नीलकंठ उर्फ नीलू नागेश को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पूछताछ के दौरान नितिन यादव ने अपना गुनाह कबूल भी किया. पुलिस के मुताबिक आरोपी ने बताया था कि उसने बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म किया था, फिर उसकी हत्या की थी. आरोपी ने अपने बयान में ये भी कहा था कि उसने मृतका के शव के साथ भी दुष्कर्म किया था.
आजीवन कारावास की सजा
वहीं इस मामले की सुनवाई के बाद ट्रायल कोर्ट ने मुख्य आरोपी नितिन यादव को अलग-अलग धाराओं में आजीवन कारावास की सजा सुनाई दी. इसके अलावा कोर्ट ने सह आरोपी नीलकंठ उर्फ नीलू नागेश को साक्ष्य छिपाने के आरोप में आईपीसी की धारा 201 के तहत सात साल कैद की सजा भी सुनाई थी. हालांकि ट्रायल कोर्ट के फैसले को मृतका की मां ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए याचिका को खारिज भी कर दिया.
जानें क्या है नेक्रोफिलिया बीमारी
कोर्ट के फैसले के बाद नेक्रोफिलिया को लेकर चर्चा होने लगी है. जानकारों के मुताबिक नेक्रोफीलिया एक तरह की अजीब विकृति है. जिसमें किसी शव की तरफ यौनाकर्षण होता है. इसमें किसी व्यक्ति की शव के साथ यौन संबंध स्थापित करने की तीव्र इच्छा होता है. नेक्रोफीलिया ग्रीक शब्द है, जो ‘नेक्रो’ और ‘फीलिया’ से बना है. इसमें नेक्रो’ का मतलब मृत या शव और फीलिया’ का मतलब प्यार या आकर्षण होता है. ऐसे में नेक्रोफीलिया का शाब्दिक अर्थ किसी शव या मृतक के शरीर के प्रति आकर्षण होता है.
एक महत्वपूर्ण फैसले में कोर्ट ने कहा है कि मौजूदा भारतीय कानून में शव के साथ दुष्कर्म (नेक्रोफीलिया) को अपराध की श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है. इसी आधार पर कोर्ट ने फैसला सुनते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में किसी को सजा नहीं दी जा सकती है. मौजूदा कानून में नेक्रोफीलिया अपराध नहीं है. वर्तमान कानून में शव के साथ दुष्कर्म करने वाले को सजा देने का प्रविधान ही नहीं है.