पन्ना : जिले के शाहनगर नव नियुक्त शाहनगर एसडीएम रामनिवास चौधरी ने पदभार संभालते ही अपने तेवर साफ कर दिए हैं.प्रशासनिक सख्ती की झलक उन्होंने उस समय दिखाई जब महज दो दिन के भीतर ही उन्होंने शाहनगर के कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय का औचक निरीक्षण कर दिया.यह निरीक्षण गुरुवार सुबह करीब 11 बजे शुरू हुआ और डेढ़ घंटे तक चला.इस दौरान उनके साथ तहसीलदार कोमल सिंह और विभागीय अधिकारियों की टीम मौजूद रही.
निरीक्षण के दौरान कॉलेज का हाल देखकर एसडीएम चौधरी भड़क उठे.परिसर में जगह-जगह फैली गंदगी, टूटी-फूटी सुविधाएं और अस्त-व्यस्त माहौल ने प्रबंधन की गंभीर लापरवाहियों को उजागर कर दिया.शौचालयों की दुर्दशा और स्वच्छता की स्थिति देखकर उन्होंने नाराजगी जताई.वहीं, कक्षाओं में पंखे और अन्य बुनियादी संसाधनों की अनुपलब्धता ने छात्रों की पढ़ाई पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर की ओर भी उनका ध्यान गया.
इस औचक निरीक्षण की खास बात यह रही कि एसडीएम ने केवल सतही नजर नहीं डाली बल्कि कक्षाओं में जाकर सीधे छात्रों से संवाद किया.उन्होंने पढ़ाई-लिखाई की स्थिति जानी और कई विद्यार्थियों से सवाल-जवाब भी किए.छात्रों ने साफ-सफाई, संसाधनों की कमी और अध्यापकों की अनुपस्थिति को लेकर अपनी समस्याएं साझा कीं। इन शिकायतों ने कॉलेज प्रबंधन की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए.
निरीक्षण का सबसे बड़ा और चौंकाने वाला पहलू तब सामने आया जब महाविद्यालय की महिला प्राचार्य खुद ही अनुपस्थित पाई गईं। इसके साथ ही कई प्राध्यापक भी कॉलेज से गायब थे। इस लापरवाही को देखकर एसडीएम चौधरी ने सख्त नाराजगी जताई और चेतावनी दी कि शैक्षणिक संस्थानों में अनुशासन और जिम्मेदारी सर्वोपरि हैं, इन्हें किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं किया जाएगा.उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी प्राध्यापक समय पर कॉलेज पहुंचे और नियमित रूप से अध्यापन कार्य करें.
एसडीएम चौधरी ने मौके पर ही आवश्यक निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि कॉलेज परिसर को तुरंत स्वच्छ और व्यवस्थित बनाया जाए, टूटी सुविधाओं की मरम्मत कराई जाए, पंखे तत्काल लगाए जाएं और शौचालयों की साफ-सफाई की जिम्मेदारी तय की जाए.निरीक्षण की पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ मीडिया और कॉलेज स्टाफ की मौजूदगी में हुई.यहां तक कि मौके पर ही पंचनामा भी तैयार कराया गया.
गौरतलब है कि लंबे समय से शाहनगर महाविद्यालय की अव्यवस्थाएं सुर्खियों में रही हैं.छात्रों और अभिभावकों ने लगातार यह शिकायत की थी कि प्राचार्य और प्राध्यापक समय पर कॉलेज नहीं आते और पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान नहीं देते.गंदगी और अव्यवस्था के कारण भी कॉलेज की छवि धूमिल होती रही है। इसी पृष्ठभूमि में नव नियुक्त एसडीएम का यह औचक निरीक्षण कॉलेज प्रशासन के लिए एक कड़ा संदेश माना जा रहा है.
शाहनगर में पदभार ग्रहण करने के साथ ही एसडीएम चौधरी की यह कार्यशैली चर्चा का विषय बन चुकी है। उनके सख्त तेवरों से अब यह साफ हो गया है कि शासकीय संस्थानों में ढिलाई और लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.क्षेत्रवासियों का मानना है कि आने वाले दिनों में इस तरह की कार्रवाई से न केवल कॉलेज बल्कि अन्य शासकीय कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में भी नियमितता और अनुशासन की नई शुरुआत होगी.