शर्मसार कर देने वाला मामला: रीवा में शिक्षा का मंदिर बना सफाई घर, छात्रों के हाथ में किताबों के जगह झाड़ू

रीवा: जिले के एक सरकारी स्कूल से आई एक तस्वीर ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है. जहाँ बच्चों के हाथों में कलम होनी चाहिए थी, वहाँ उन्हें झाड़ू थमा दी गई. शासकीय प्राथमिक पाठशाला बरीगवा के इन मासूमों की खबर आज हमारे शिक्षा तंत्र पर एक करारा तमाचा है. यह मामला सिर्फ एक स्कूल की लापरवाही नहीं, बल्कि उस पूरी व्यवस्था की पोल खोलता है, जो ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे नारों की आड़ में बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है.

ग्रामीणों का कहना है कि इस स्कूल के शिक्षक अक्सर गायब रहते हैं, जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से ठप्प पड़ी है. जब शिक्षक ही नहीं होंगे, तो ये बच्चे क्या सीखेंगे सरकारी स्कूलों की यह बदहाली सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी नहीं, बल्कि जवाबदेही की कमी और घोर लापरवाही का नतीजा है. यह सवाल उठाता है कि क्या इन बच्चों का भविष्य सिर्फ कागजों पर ही सुरक्षित है?

जिला शिक्षा अधिकारी ने इस मामले का संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिए. सवाल यह है कि क्या सिर्फ एक जांच काफी है? इस लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या उन शिक्षकों पर कोई कार्रवाई होगी जो अपनी ड्यूटी से गायब रहते हैं? बच्चों से झाड़ू लगवाना और उनकी पढ़ाई से खिलवाड़ करना एक गंभीर अपराध है, जिसकी सजा सिर्फ निलंबन नहीं, बल्कि सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. यह घटना सिर्फ एक स्कूल की नहीं, बल्कि लाखों बच्चों के भविष्य से जुड़ी है, जिनके लिए सरकारी स्कूल ही शिक्षा का एकमात्र सहारा है.

Advertisements