हर बंगाली के शर्मनाक… ममता के बयान पर भड़के शुभेंदु, जयशंकर से कर दी ये मांग

पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भविष्य की विदेश यात्रा की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया. शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को कमतर आंकने और यूनाइटेड किंगडम की अपनी हालिया यात्रा के दौरान देश को शर्मसार करने का आरोप लगाया.

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अपने पत्र में शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि लंदन में ममता बनर्जी की टिप्पणी “औपनिवेशिक आकाओं के प्रति भक्ति और प्रशंसा” प्रदर्शित करती है, जिसे उन्होंने एक बंगाली के लिए “अकल्पनीय” बताया.

उन्होंने यूके में एक व्यावसायिक कार्यक्रम में उनके भाषण का हवाला दिया, जहां उन्होंने कहा, “मुझे यूके से प्यार है क्योंकि हमारे बीच भावनात्मक संबंध हैं, ऐतिहासिक संबंध हैं… विरासत के दृष्टिकोण से, हमारे और आपके भी. 190 साल, आपने भारत में शासन किया. आपने बंगाल पर शासन किया… तो हम इसे भूल गए? हमेशा भारत आपको याद करता है, और बंगाल भी आपको याद करता है.”

शुभेंदु अधिकारी ने विदेश मंत्री को लिखा पत्र

शुभेंदु अधिकारी ने उनकी टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि बंगाल स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे आगे रहा है, जिसने ब्रिटिश शासन का विरोध किया. उन्होंने कहा कि औपनिवेशिक अतीत की प्रशंसा करना “हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारियों द्वारा किए गए बलिदानों का सार्वजनिक त्याग” है.

पत्र में ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के केलॉग कॉलेज में दिए गए उनके बयानों के लिए भी ममता बनर्जी की आलोचना की गई, जहां वो भारत की आर्थिक वृद्धि को “कम करके आंकती” नजर आईं.

जब एक वक्ता ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत ने दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया ह और 2060 तक सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान है, तो ममता बनर्जी ने असहमति जताते हुए कहा, “मैं इससे असहमत हूं.

ममता के बयान पर मचा बवाल

शुभेंदु अधिकारी ने उनकी प्रतिक्रिया को “बस देशद्रोह” और “हर बंगाली और भारतीय के लिए शर्मिंदगी” कहा. उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने “विदेशी धरती पर जानबूझकर भारत की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है और उन पर देश की आर्थिक वृद्धि का विरोध करने का आरोप लगाया.

भाजपा नेता ने विदेश मंत्रालय से उनकी टिप्पणियों की “पूरी तरह से जांच” करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि उन्हें भविष्य में आधिकारिक विदेशी यात्राओं की अनुमति न दी जाए.

उन्होंने मौजूदा दिशा-निर्देशों का हवाला दिया, जिसके अनुसार विदेश मंत्रालय को ऐसे दौरों को मंजूरी देनी होती है और सुझाव दिया कि उनकी टिप्पणियों को अयोग्य ठहराए जाने का आधार माना जाना चाहिए.

मता के ब्रिटेन दौरे के दौरान विरोध

ममता बनर्जी की ब्रिटेन यात्रा विवादों से घिरी रही, क्योंकि उन्हें केलॉग कॉलेज में प्रदर्शनकारियों के एक समूह के विरोध का सामना करना पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा और आरजी कर कॉलेज मामले पर उनके रुख पर सवाल उठाने वाले पोस्टर पकड़े हुए थे. भाजपा नेता अमित मालवीय ने इस घटना का एक वीडियो साझा किया, जिसमें भारत के आर्थिक भविष्य पर बनर्जी की टिप्पणियों की आलोचना की गई.

उन्होंने एक्स पर लिखा, “पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भारत के दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने से परेशानी है… यह वाकई शर्मनाक है.” हालांकि, ममता बनर्जी ने अपने भाषण के दौरान हंगामा करने वालों को जवाब देते हुए कहा, “कृपया इस मंच पर राजनीति न करें. आप मेरे साथ मेरे राज्य में राजनीति कर सकते हैं, यहां नहीं.” उन्होंने आरजी कर कॉलेज मामले को लेकर अपनी सरकार का बचाव करते हुए कहा, “यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, साथ ही, यह केंद्र सरकार के पास है, हमारे पास नहीं.”

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