जसवंत नगर सीएचसी में शर्मनाक लापरवाही: जच्चा-बच्चा वार्ड में मरीजों के बेड पर घूम रहे आवारा कुत्ते, सुरक्षा और स्वच्छता खतरे में

इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के जसवंत नगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में एक अत्यंत ही चिंताजनक और लापरवाही भरा मामला सामने आया है. अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड की स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि यहां मरीजों के साथ-साथ आवारा कुत्ते भी बेखौफ घूमते और उनके बेड पर आराम फरमाते नजर आ रहे हैं. यह घटना अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही और मरीजों की सुरक्षा के प्रति उनकी उदासीनता को उजागर करती है.

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अस्पताल के इस संवेदनशील वार्ड में आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि वे वार्ड की गैलरी, वॉशरूम, दवा स्टोर और सीढ़ियों पर खुलेआम घूमते और सोते हुए देखे जा सकते हैं. यह वह वार्ड है जहां प्रसव के बाद महिलाएं अपने नवजात शिशुओं के साथ स्वास्थ्य लाभ करती हैं और उन्हें सबसे अधिक स्वच्छता और सतर्कता की आवश्यकता होती है. लेकिन यहां सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त नजर आ रही है.

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह समस्या कोई नई नहीं है. कुछ महीने पहले भी इस गंभीर मुद्दे को अस्पताल प्रशासन और स्थानीय प्रशासन के समक्ष उठाया गया था, लेकिन दुर्भाग्यवश अभी तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. अस्पताल प्रशासन की इस लगातार लापरवाही के कारण किसी भी अप्रिय घटना की आशंका बनी हुई है, जिससे मरीजों और उनके नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य और जीवन को खतरा हो सकता है.

 

रात के समय वार्ड की स्थिति और भी भयावह हो जाती है. प्रसव की पीड़ा से थकी हुई माताएं और उनके कोमल नवजात शिशु इन आवारा कुत्तों की उपस्थिति के कारण असुरक्षित महसूस करते हैं. कुत्तों के आपस में लड़ने और भौंकने की आवाज से शिशु डर कर रोने लगते हैं, जिससे माताओं को और भी अधिक परेशानी होती है. वार्ड में पसरा डर और असुरक्षा का माहौल मरीजों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है.

एक चौंकाने वाली तस्वीर में एक आवारा कुत्ता दवा कक्ष में रखे एक बॉक्स के अंदर आराम से सोता हुआ भी दिखाई दिया.यह दर्शाता है कि अस्पताल परिसर में स्वच्छता और सुरक्षा नियमों का किस हद तक उल्लंघन हो रहा है. दवा कक्ष में कुत्तों की पहुंच दवाओं को दूषित कर सकती है, जिससे मरीजों के इलाज में गंभीर समस्याएं आ सकती हैं.

इस गंभीर मामले पर स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है. उनका कहना है कि अस्पताल प्रशासन की यह लापरवाही अक्षम्य है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. उन्होंने मांग की है कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करे और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे. साथ ही, उन्होंने वार्ड को आवारा कुत्तों से मुक्त कराने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की अपील की है. यह सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है कि अस्पताल, जो कि स्वास्थ्य और सुरक्षा का स्थान है, मरीजों के लिए भय और खतरे का स्रोत न बने.

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