मऊगंज में शर्मनाक तस्वीरें: लाडली बहना को ठेले पर लादकर पहुंचाया अस्पताल

मऊगंज : ज़िले से एक बार फिर शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं, जिन्होंने सरकार और स्वास्थ्य विभाग के खोखले दावों की सच्चाई उजागर कर दी है. एंबुलेंस सेवाओं पर करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद हालात यह हैं कि आज भी ज़िले में मरीजों और शवों को ठेले व खाट पर ढोया जा रहा है.

Advertisement1

लाडली बहना को ठेले पर लादकर अस्पताल

पहली तस्वीर मऊगंज सिविल अस्पताल की है. यहां आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस और स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं होने के कारण परिजनों को अपनी महिला परिजन को, जो सरकार की लाडली बहना योजना की हितग्राही बताई जा रही हैं, ठेले पर लादकर अस्पताल पहुंचाना पड़ा. तस्वीर में साफ दिखाई देता है कि किस तरह असहाय परिजन ठेले के सहारे महिला को अस्पताल तक ले जा रहे हैं. यह नजारा स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत बयान करता है.

 

शव को खाट पर ढोकर पहुँचे ग्रामीण

दूसरी तस्वीर हनुमना जनपद की ग्राम पंचायत जमुई की है। यहां 45 वर्षीय शंकर पांडेय की मौत के बाद परिजनों को शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाना था. न गांव में सड़क की सुविधा, न वाहन और न ही एंबुलेंस. मजबूर ग्रामीणों ने चारपाई पर शव को रखकर लगभग 5 किलोमीटर पैदल यात्रा की और किसी तरह अस्पताल तक पहुंचे.

सिस्टम की नाकामी बेनकाब

मऊगंज ज़िले से आई ये दोनों घटनाएं सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की नाकामी का खुला सबूत हैं. सरकार जहां एंबुलेंस सेवाओं और अस्पताल प्रबंधन पर करोड़ों खर्च दिखाती है, वहीं हकीकत यह है कि आम जनता को जिंदगी और मौत की जद्दोजहद में आज भी खाट और ठेले का सहारा लेना पड़ रहा है.

Advertisements
Advertisement