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कनाडा की बेशर्मी! जयशंकर का इंटरव्यू दिखाया तो चैनल को किया बैन

विदेशमंत्री एस जयशंकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस को टेलीकास्ट करने के कुछ घंटे बाद ही कनाडाई सरकार ने ऑस्ट्रेलिया टुडे आउटलेट को बैन कर दिया है. इस दौरान जयशंकर ने भारत-कनाडा कूटनीतिक गतिरोध पर टिप्पणी की थी. ये प्रेस कॉन्फ्रेंस ऑस्ट्रेलिया टुडे ने अपने यूट्यूब चैनल पर टेलीकास्ट की थी.

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वहीं, भारत ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि वह कनाडा द्वारा आउटलेट पर प्रतिबंध लगाने के कदम से हैरान है और इस बात पर जोर दिया कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति कनाडा के पाखंड को उजागर करता है. ऑस्ट्रेलिया टुडे ने कैनबरा (ऑस्ट्रेलिया) में जयशंकर और ऑस्ट्रेलियाई विदेशमंत्री पेनी वोंग की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को प्रसारित किया था.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दिल्ली में मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि हमें पता चला है कि इस आउटलेट के सोशल मीडिया हैंडल (पेज) को ब्लॉक कर दिया गया है और कनाडा में अब ये दर्शकों के लिए उपलब्ध नहीं है. इस हैंडल ने एस जयशंकर और पेनी वोंग की प्रेस कॉन्फ्रेंस को प्रसारित किया था, इसके एक घंटे या कुछ घंटे बाद ही प्रतिबंध लगाया गया है. इससे हम हैरान हैं, ये हमें अजीब लग रहा है. उन्होंने कहा कि फिर भी मैं यही कहूंगा कि ये ऐसे एक्शन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति कनाडा के पाखंड को एक बार फिर उजागर करती हैं.

रणधीर जायसवाल ने कहा कि आपने देखा होगा कि विदेश मंत्री जयशंकर ने सिडनी में अपने मीडिया कार्यक्रम में तीन बातों का जिक्र किया था. पहली बात ये कि कनाडा ने आरोप लगाए और बिना किसी विशेष सबूत के एक पैटर्न डवलप हो गया. दूसरी बात- जिस पर उन्होंने प्रकाश डाला कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों की निगरानी की जा रही थी, जिसे उन्होंने अस्वीकार्य बताया. जायसवाल ने कहा कि विदेशमंत्री ने तीसरी बात पर प्रकाश डाला कि कनाडा में भारत विरोधी तत्वों को राजनीतिक जगह दी गई थी, इसलिए आप निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि ऑस्ट्रेलिया टुडे चैनल को कनाडा ने क्यों ब्लॉक किया.ये घटना कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तान समर्थकों द्वारा एक हिंदू मंदिर पर हमला किए जाने के कुछ दिनों बाद हुई, जिसे जयशंकर ने काफी चिंताजनक बताया.

कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी निंदा की और कहा कि भारतीय राजनयिकों को “डराने” के लिए “कायरतापूर्ण प्रयास” किए गए. इससे पहले भारत ने “चरमपंथियों और अलगाववादियों द्वारा की गई हिंसा की निंदा की” और कनाडा से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि सभी पूजा स्थलों की पर्याप्त सुरक्षा की जाए.

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