लखीमपुर खीरी में शारदा नदी का कहर: कई खेत नदी में समाए, बझेड़ा गांव के घरों पर भी खतरा

लखीमपुर खीरी: बनबसा बैराज से पानी पास किए जाने के बाद मंगलवार को शारदा नदी का कहर शुरू हो गया. लखीमपुर खीरी में शहर से करीब 45 किलोमीटर दूर बिजुआ ब्लॉक के गांव बझेड़ा को बाढ़ के पानी ने घेर लिया है, जिससे गांव वाले दहशत में हैं. खेती की जमीन समा चुकी है, घरों पर भी खतरा मंडरा रहा है. नदी के तेज बहाव के चलते गांव एकदम कटान के मुहाने पर है. गांव के आसपास करीब चार से पांच किलोमीटर से अधिक की जमीन कटकर फसल बर्बाद हो चुकी है.

गांव के मुख्य मार्ग को छोड़कर बाकी अन्य रास्तों पर लोग नाव का इस्तेमाल कर रहे हैं. दो साल पहले प्रशासन ने गांव को बाढ़ और कटान से बचाने के लिए सवा छह करोड़ रुपये की लागत से 700 मीटर लंबा बंधा बनाया था, लेकिन शारदा की उफनती लहरों ने इस परियोजना के 60 मीटर हिस्से को लील लिया. ग्रामीणों का कहना है कि इस साल बाढ़ कटान को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, जिसके चलते बंधा कमजोर पड़ गया और पानी गांव में घुसने लगा. मुख्य मार्ग अभी बचा है.

फसलें डूबीं, चारा भी खत्म, भूख का संकट

बझेड़ा गांव की कई एकड़ फसलें पानी में डूब चुकी हैं. खेतों में खड़ी धान, गन्ना और सब्जियां अब केवल कीचड़ और पानी के नीचे दफन हैं. ग्रामीणों के पास अपने पशुओं को खिलाने के लिए चारा और भूसा तक नहीं बचा. जिनके पास कुछ चारा है, वे ऊंचे स्थानों पर जाकर उसे काटने को मजबूर हैं. गांव के रामरतन बताते हैं कि हमारी सारी फसल बर्बाद हो गई. पशुओं को खाने के लिए कुछ नहीं बचा. अब तो हमारे भी भूखे मरने की नौबत आ रही है.

ग्रामीणों में आक्रोश

ग्रामीण नन्हें, राजकुमार व सर्वेश का आरोप है कि प्रशासन ने समय रहते बाढ़ के कटान को रोकने के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं किए. सवा छह करोड़ की परियोजना को गांव की रक्षा के लिए बनाया गया था, अब पानी की भेंट चढ़ चुकी है. अगर प्रशासन अब भी नहीं चेता तो दो-चार दिन में हालात और खराब हो जाएंगे. मकानों का कटना शुरू हो जाएगा. हमारा गांव पूरी तरह डूब जाएगा.

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