नई दिल्लीः दिल्ली दंगा राजद्रोह मामले में शरजील इमाम (Sharjeel Imam) को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. शरजील के कथित भड़काऊ भाषणों के लिए उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था, जिसमें कोर्ट ने वैधानिक जमानत दे दी है. भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ता शरजील इमाम को लगभग साढ़े चार साल बाद जमानत मिली है. मामले में इस आधार पर वैधानिक जमानत मांगी गई थी कि वह अधिकतम सात साल की सजा में से चार साल पहले ही जेल में बिता चुके हैं.
कड़कड़डूमा कोर्ट से नहीं मिली थी बेल
फरवरी में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने शरजील इमाम को वैधानिक जमानत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद शरजील ने हाईकोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी थी.
कब हुई थी गिरफ्तारी?
जनवरी 2022 में दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और दिल्ली के जामिया क्षेत्र में शरजील इमाम के द्वारा दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों के संबंध में देशद्रोह का आरोप लगाने का आदेश दिया था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने शरजील इमाम के खिलाफ आईपीसी की धारा 124ए (देशद्रोह), 153ए, 153बी, 505 और यूएपीए की धारा 13 के तहत आरोप तय करने के आदेश पारित किए थे. जेएनयू के पूर्व छात्र और शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन के प्रमुख आयोजकों में से एक शरजील इमाम को 2020 में बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था.
जामिया में हुई थी हिंसा
दिसबंर 2019 में जामिया नगर इलाके में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन चल रहे थे. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प के बाद हिंसा भड़क गई थी, जिसको लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी. शरजील इमाम पर 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया में भड़काऊ भाषण देकर दंगे भड़काने का आरोप लगाया गया था.
शरजील इमाम कौन हैं?
शरजील का जन्म बिहार के जहानाबाद जिले के काको में रसूखदार मुस्लिम परिवार में हुआ था. उनके पिता अकबर इमाम जनता दल यूनाइटेड के नेता रहे हैं. शरजील की शुरुआती पढ़ाई पटना के सेंट जेवियर हाईस्कूल से हुई, जहां दसवीं तक की शिक्षा पूरी हुई. दसवीं में अच्छे नंबर आने के बाद 11वीं और 12वीं क्लास के लिए दिल्ली पब्लिक स्कूल वसंतकुंज में एडमिशन कराया गया. शरजील इमाम ने आईआईटी बॉम्बे से बीटेक और एमटेक किया है, जबकि 2013 में जेएनयू से आधुनिक इतिहास में पीजी की डिग्री पूरी की है.