ऑपरेशन सिंदूर पर कथित रूप से सांप्रदायिक सोशल मीडिया पोस्ट करने के मामले में गुरुग्राम से गिरफ्तार की गई 22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट शर्मीष्ठा पनौली को अब यूरोप से समर्थन मिल रहा है. नीदरलैंड (डच) संसद के सदस्य गिर्ट विल्डर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे शर्मीष्ठा के अधिकारों की रक्षा करें और उनकी गिरफ्तारी को ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर धब्बा’ बताया है.
गिर्ट विल्डर्स ने ‘All eyes on Sharmistha’ लिखे एक पोस्टर के साथ एक्स पर लिखा, ‘बहादुर शर्मीष्ठा पनौली को रिहा करो! उन्हें गिरफ्तार करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए शर्मनाक है. पाकिस्तान के बारे में सच बोलने के लिए उन्हें सजा न दें. उनकी मदद करें.’
नुपूर शर्मा का भी दे चुके हैं साथ
यह पहली बार नहीं है जब विल्डर्स ने भारत के किसी विवाद में खुलकर पक्ष लिया हो. 2022 में भी उन्होंने बीजेपी की नुपूर शर्मा का समर्थन किया था, जब उनके एक बयान से अंतरराष्ट्रीय विवाद खड़ा हो गया था. पिछले साल विल्डर्स ने कहा था कि वह एक दिन भारत आकर नुपूर शर्मा से मिलना चाहते हैं.
क्या है पूरा विवाद?
शर्मीष्ठा पनौली, जिनके एक्स और इंस्टाग्राम पर 1.75 लाख फॉलोअर्स हैं, को उनके एक अब हटाए जा चुके वीडियो के कारण गिरफ्तार किया गया. इस वीडियो में उन्होंने कुछ बॉलीवुड सितारों की आलोचना की थी कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर चुप्पी क्यों साधी है. आरोप है कि उन्होंने वीडियो में एक समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया.
शर्मीष्ठा ने मांग ली माफी
हालांकि शर्मीष्ठा ने वीडियो हटाने के बाद बिना शर्त माफी मांग ली थी, फिर भी कोलकाता में उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई, जिसमें धार्मिक आधार पर नफरत फैलाने, धार्मिक भावनाएं भड़काने और शांति भंग करने की नीयत से अपमान करने जैसे आरोप शामिल हैं.
14 दिनों की न्यायिक हिरासत में शर्मीष्ठा
कोर्ट से बाहर आते समय शर्मीष्ठा ने मीडिया से कहा, ‘लोकतंत्र में जिस तरह से यह उत्पीड़न किया जा रहा है, यह लोकतंत्र नहीं है.’ उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इसके तुरंत बाद, पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘राज्य में कार्रवाई सिर्फ सनातनियों के खिलाफ की जाती है.’