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बिना तलाक लिए की दूसरी शादी, हुई बेटी… फिर भी पहले पति से लेती रही गुजारा भत्ता, सरकारी स्कीम से खुली पोल

मध्य प्रदेश खंडवा में कोर्ट ने अपने ही एक आदेश को पलट दिया है. पहले जिस महिला को पति से भरण-पोषण का हक दिलाया, अब उसी से वह हक छीन लिया गया है. दरअसल, यहां एक पति कोर्ट के आदेश पर हर महीने अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता दे रहा था.

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इस बीच उसे पता चला कि पत्नी ने उसे बिना बताए दूसरी शादी कर ली है. फिर भी वो उससे गुजारा भत्ता ले रही थी. सबूत के आधार पर कोर्ट ने भरण-पोषण के प्रकरण को निरस्त कर दिया है.

मध्य प्रदेश के खंडवा में एक पत्नी ने पहले पति को तलाक दिए बिना दूसरे शख्स से शादी कर ली. दोनों को एक बेटी भी हुई. लेकिन वो पहले पति से भी गुजारा भत्ता लेती रही. इस बात की भनक जब पहले पति को लगी तो वो कोर्ट पहुंच गया.

कोर्ट में उसने सबूत पेश किए, जिसमें एक सरकारी स्कीम भी शामिल थी. उसके बाद कोर्ट ने पहले द्वारा गुजारा भत्ता देने का अपना पहले वाला फैसला बदल दिया.

कुटुंब न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए कहा- पहले पति को बिना तलाक दिए दूसरी शादी करना और इसकी सूचना दिए बगैर उससे गुजारा भत्ता लेते रहना कानूनी अपराध है. महिला के हक में पहले हमने फैसला सुनाया था कि उसे पहला पति गुजारा भत्ता देता रहेगा.

लेकिन महिला ने बिना किसी को बताए दूसरी शादी कर ली. उसे बेटी भी हो गई. फिर भी वो पहले पति से गुजारा भत्ता लेती रही. इसलिए अब उसका गुजारा भत्ता बंद किया जाता है.

2022 तक पति देता रहा गुजारा भत्ता

जानकारी के मुताबिक, सीहोर जिले के बड़ियाखेड़ी निवासी संदीप (37) ने पत्नी सोनू और उसके दूसरे पति नरेंद्र निवासी किरार मोहल्ला ग्राम रसीदपुरा (मोकलगांव) तहसील- पंधाना के विरुद्ध कुटुंब न्यायालय में आवेदन दिया था.

संदीप ने बताया- मैं सोनू को 12 दिसंबर 2018 से प्रतिमाह 2500 रुपए गुजारा-भत्ता दे रहा हूं. वहीं, विधिवत विवाह विच्छेद किए बिना फरवरी 2020 में नरेंद्र प्यारेलाल से दूसरा विवाह कर लिया. दोनों के वैवाहिक संबंधों से 26 नवंबर 2022 को एक बेटी का जन्म हुआ. जिसका नाम कुमारी भाविका किरार है.

16 किस्तें वसूल की गईं

संदीप ने आरोप लगाया- पत्नी न रहते हुए भी 2500 रुपए प्रति माह के हिसाब से उससे 16 किस्तें वसूल की गई हैं. सोनू के द्वारा नरेंद्र प्यारेलाल से 12 फरवरी 2020 को विवाह किए जाने तक 51 हजार 250 रुपए अदा किए जा चुके थे.

जबकि उसे मात्र 35 हजार रुपए ही अदा किया जाना था. दूसरी शादी के बाद सोनू ने बेटी को जन्म दिया. सोनू ने बेटी का पंजीयन महिला एवं बाल विकास में कराकर लाड़ली लक्ष्मी का लाभ लेना शुरू कर दिया. स्वयं भी लाडली बहन योजना का लाभ ले रही.

 

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