बांग्लादेश में प्रॉसिक्यूटर ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ के आरोप लगाए हैं. यह कार्रवाई 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसक कार्रवाई में उनकी कथित भूमिका को लेकर की गई है, जो अंततः आवामी लीग सरकार के पतन, शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने पर खत्म हुआ. एक जांच रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया है कि हसीना ने खुद सरकारी सुरक्षा एजेंसियों, अपनी पार्टी और उससे जुड़े संगठनों को सीधे तौर पर आदेश दिए, जिनकी वजह से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई.
‘शेख हसीना ने हथियारबंद कार्यकर्ताओं को दे दी थी खुली छूट’
बांग्लादेश के घरेलू इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) के चीफ प्रॉसिक्यूटर मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने रविवार को सुनवाई के दौरान कहा, ‘ये हत्याएं पूर्वनियोजित थीं.’ उन्होंने वीडियो सबूत और विभिन्न एजेंसियों के बीच हुई एन्क्रिप्टेड बातचीत का हवाला देते हुए यह बात कही. न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
अल जजीरा के अनुसार, चीफ प्रॉसिक्यूटर ने कहा, ‘सबूतों की गहन जांच के बाद हमने निष्कर्ष निकाला कि यह एक संगठित, व्यापक और सुनियोजित हमला था. शेख हसीना ने आंदोलन को कुचलने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों और अपनी पार्टी के हथियारबंद कार्यकर्ताओं को खुला छोड़ दिया.
‘सुरक्षा बलों की कार्रवाई की पूरी जिम्मेदारी शेख हसीना की’
प्रॉसिक्यूटर्स ने आगे आरोप लगाया कि सरकार प्रमुख के रूप में शेख हसीना पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई की पूरी जिम्मेदारी बनती है, जो इस अशांति के दौरान हुई. हसीना के खिलाफ ये आरोप ऐसे समय में लगाए गए हैं जब कुछ हफ्ते पहले अंतरिम सरकार, जिसका नेतृत्व मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं, ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत आवामी लीग की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था. यह फैसला लगातार विरोध प्रदर्शनों के बीच लिया गया. यह घटनाक्रम उस समय सामने आया है जब यूनुस सरकार पर भी दबाव बढ़ रहा है और देश में तत्काल आम चुनाव की मांग तेजी से उठ रही है.