श्योपुर : मरीज नहीं, शराब से भरी थी एंबुलेंस – 7 लाख की खेप जब्त

मध्य प्रदेश :  श्योपुर जिले की गसवानी पुलिस ने शराब तस्करी का एक ऐसा तरीका पकड़ा, जिसे जानकर हर कोई दंग रह गया. आमतौर पर मरीजों की जान बचाने वाली एंबुलेंस इस बार नशे की खेप ले जाती पकड़ी गई. जी हां, एक ऐसी एंबुलेंस जिसमें न मरीज था, न स्ट्रेचर बल्कि उसके सीटों के नीचे छिपी थी महंगी शराब की 40 पेटियां, जिसे शिवपुरी जिले से विजयपुर तक पहुंचाया जाना था.

एंबुलेंस में लगी थी नीली बत्ती, पुलिस को देख भागा आरोपी

गसवानी थाना प्रभारी रीना राजावत ने ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि एक एंबुलेंस की आड़ में शराब विजयपुर की तरफ ले जाई जा रही है. सूचना मिलते ही डांग बाली माता मंदिर के पास गसवानी थाना पुलिस ने नाकाबंदी कर दी. कुछ देर बाद एंबुलेंस आती दिखी, जिस पर नीली बत्ती भी लगी थी, ताकि किसी को शक न हो. जैसे ही पुलिस ने रुकने का इशारा किया, चालक ने फर्राटा भर दिया. करीब 30 मीटर आगे पुलिस ने अवरोधक लगाकर एंबुलेंस को रोका. तभी चालक के साथ बैठा एक युवक हाइवे पार कर कांटेदार झाडिय़ों में भाग गय. पुलिस ने पीछा किया, लेकिन वह चकमा देकर फरार हो गया

सीटों के नीचे बने थे ‘शराब चैंबर

जब पुलिस ने एंबुलेंस की तलाशी ली तो सीटों के नीचे बने चैंबर में 40 पेटी अवैध शराब छिपी हुई मिली. आरोपी सोच रहे थे कि एंबुलेंस और नीली बत्ती का खेल पुलिस को धोखा दे देगा, लेकिन गसवानी पुलिस ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया. गसवानी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. अब पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि इस गिरोह के पीछे और कौन-कौन लोग जुड़े हैं और कितनी बार इसी तरह तस्करी की जा चुकी है.गसवानी थाना प्रभारी रीना राजावत ने बताया कि एंबुलेंस क्रमांक एमपी 07 डीए 0982 को पकड़ा है इसमें 40 पेटी शराब कुल 7 लाख 12 हजार रुपए जप्त करने की कार्रवाई की है.

इस कार्रवाई में गसवानी थाना प्रभारी रीना राजावत, सहायक उप निरीक्षक नरसिंह मावई,प्रधान आरक्षक धर्मेन्द्र सिंह, प्रधान आरक्षक जगदीश, आरक्षक दशरथ गुर्जर, आरक्षक निशा रंजीत,आरक्षक शिवजी रावत ल, आरक्षक रामलखन धाकड़,आरक्षक मोहन दांगी सहित अन्य की अहम भूमिका रही.

 

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