श्योपुर: 8 जुलाई 2025 की रात चंबल मुख्य दाहिनी नहर के ढोटी और बगवाड़ा के बीच अचानक टूट जाने से क्षेत्र के कई गांवों में भारी जलभराव हो गया, जिससे किसानों की खड़ी फसलें और धान की पौध पूरी तरह नष्ट हो गईं. जलभराव से बगवाड़ा, टर्रा माफी, ढोटी, पीतना खेड़ली, आसीदा और बिलवाड़ा सहित अनेक गांवों के खेतों की मिट्टी की संरचना भी गंभीर रूप से प्रभावित हुई है, जिससे भविष्य में फसल रोपाई करना बेहद कठिन हो गया है.
इस संकट के विरोध में शुक्रवार को सैकड़ों किसान श्योपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर के नाम डिप्टी कलेक्टर संजय कुमार जैन को ज्ञापन सौंपा. किसान नेता राधेश्याम मीणा मूंडला ने प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यह केवल प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि जल संसाधन विभाग की घोर उदासीनता का परिणाम है.
किसानों की मांग है कि सभी प्रभावित किसानों को शीघ्र और उचित मुआवजा दिया जाए. चंबल दाहिनी नहर के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत तुरंत युद्धस्तर पर कराई जाए. नष्ट हुई फसलों और पौध का सर्वे कर राहत पैकेज घोषित किया जाए. भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए स्थायी समाधान सुनिश्चित किया जाए और लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो.
राधेश्याम मीणा ने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो किसान उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी. किसानों ने यह भी मांग की कि इस आपदा को सामान्य घटना समझने की भूल न की जाए और इसे प्राथमिकता के साथ गंभीरता से लिया जाए.
इस अवसर पर कई किसान नेता और ग्रामीण किसान उपस्थित रहे, जिनमें रामेश्वर मीणा (आसीदा), कैलाश मीणा (आसीदा), भूपेंद्र सिंह, बलविंदर सिंह, जोगा सिंह, बिरसा सिंह, बल्लू टर्रा फामी, गौरीशंकर (आसीदा) आदि प्रमुख रूप से शामिल थे.