श्योपुर: शहर के वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप चौक पर स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा के आसपास लगी रेलिंग को रात के अंधेरे में एक अज्ञात वाहन ने जोरदार टक्कर मार दी. इस दुर्घटना में रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गई, जबकि प्रतिमा बाल-बाल बच गई. इस हादसे के बाद नगर पालिका प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं. स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों का आरोप है कि चौक पर उचित रोशनी की व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे रात के समय इस तरह की घटनाओं की आशंका बनी रहती है.
प्रकाश व्यवस्था के अभाव में खतरे में विरासत
नगर पालिका द्वारा चौक-चौराहों पर प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करना उसकी बुनियादी जिम्मेदारी है, ताकि महापुरुषों की प्रतिमाएं सुरक्षित रहें और कोई असामाजिक तत्व नुकसान न पहुंचा सके. लेकिन महाराणा प्रताप चौक लंबे समय से अंधेरे में डूबा हुआ है, जिससे वहां से गुजरने वाले भारी वाहनों से प्रतिमा को लगातार खतरा बना रहता है.
नगर पालिका पर लापरवाही के आरोप
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पालिका प्रशासन शहर की साफ-सफाई और विकास कार्यों पर ध्यान नहीं देकर केवल फिजूलखर्ची में व्यस्त है. बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह जाट भी पहले नगर पालिका पर राजस्व की बर्बादी और अव्यवस्था के गंभीर आरोप लगा चुके हैं.
सामाजिक संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिला अध्यक्ष चेतन सिसौदिया ने इस दुर्घटना के लिए नगर पालिका प्रशासन की अनदेखी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय रहते प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो समाज के लोग धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे.
करणी सेना ने भी उठाई आवाज
करणी सेना के जिला अध्यक्ष कुलदीप सिसौदिया ने बताया कि नगर पालिका के अधिकारियों और अध्यक्ष को बार-बार अवगत कराने के बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक प्रतिमा नहीं, हमारी सांस्कृतिक विरासत और सम्मान का प्रतीक है. जिसकी सुरक्षा प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए.