Madhya Pradesh: कूनो संघर्ष समिति के प्रमुख व श्योपुर के कांग्रेस जिलाध्यक्ष अतुल चौहान आरोप लगाए है उन्होंने कहा है कि, 26 गांवों के विस्थापन के बाद तैयार हुए कूनो राष्ट्रीय उद्यान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोहरी नीति के कारण एशियाई शेरों की बसावट नहीं हो सकी है वहीं नाबीबिया और अफ्रीका से लाए गए कुछ चीतों को कूनो से गुजरात और मप्र के गांधीसागर भेजने की तैयारी है जो श्योपुर के साथ अन्याय है इसका विरोध किया जाएगा.
कांग्रेस जिलाध्यक्ष अतुल चौहान ने एक प्रेस नोट जारी कर आरोप लगाया कि गुजरात के गिर अभ्यारण्य में एशियाई शेरों की पिछले 8 सालों में 800 से ज्यादा शेरों की मौत कई कारणों से हुई है लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री ओर अब के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मप्र के श्योपुर कूनो नेशनल पार्क में शेरों की बसावट सुप्रीम कोर्ट ओर वन्य जीव के वैज्ञानिकों की मंजूरी के बाद भी नहीं होने दी.
उन्होंने ने कहा कि वहीं अब प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में गुजरात में सातवीं राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की बैठक में श्योपुर के कूनो राष्ट्रीय उद्यान से चीतों को गुजरात के बन्नी के घास के मैदानी क्षेत्र सहित मप्र के गांधीसागर अभ्यारण्य में बसाने की मंजूरी दे दी है जो श्योपुर जिले के वासियों सहित कूनो के साथ पीएम की दोहरी नीति है। चौहान ने कहा कि पीएम मोदी जहां कूनो पार्क को एशियाई शेर नहीं दे रहे वही अब गीर अभ्यारण्य में शेरों की बढ़ती आबादी के बाद वो गुजरात के ही बरड़ा अभ्यारण्य को उनका एक ओर ठिकाना बनाने की मंजूरी दे रहे है। चौहान ने मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि वो दोनों प्रधानमंत्री के सामने श्योपुर के विकास के लिए कूनो में गुजरात से शेर लाने की कभी बात ही नहीं कर सके जबकि प्रधानमंत्री अब चीतों को प्रदेश सहित गुजरात और अन्य राज्यों में ले जाने की मंजूरी पर सहमति दे रहे है जो इनकी कमजोरी दर्शाता है.
उन्होंने कहा कि अचानक चुपचाप से कल 20 अप्रैल को कूनो से कुछ चीतों को मुख्यमंत्री यादव गांधीसागर ले जा रहे है इसका श्योपुर हित में कूनो संघर्ष समित विरोध करती है ये श्योपुर को बड़े सपने दिखाकर भाजपा नेताओं का धोखा ओर अन्याय है.