Madhya Pradesh: श्योपुर जिले की स्व सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने मंगलवार को श्योपुर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया.उसके बाद स्व सहायता समूहों की महिलाओं ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर विजयपुर की स्थानीय प्रशासन के खिलाफ अवैध वसूली करने के आरोप भी लगाए है.
स्व सहायता समूहों की महिलाओं का आरोप है कि विजयपुर में स्थानीय प्रशासन स्व सहायता समूहों का अनुबंध के नाम पर उनसे अवैध वसूली कर रहे है. सरकार की गाइड लाइन का पालन भी विजयपुर का स्थानिक प्रशासन नहीं कर रहा है. स्व सहायता समूह की जिला अध्यक्ष सुनीता नायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रांतीय स्व सहायता समूह की महिलाएं आज विजयपुर और श्योपुर से कलेक्टर अर्पित वर्मा के पास गुहार लगाने आई है. स्व सहायता समूहों का काम खाना पकाकर बच्चों को खिलाने का काम करता है. परंतु पुराने सत्र का भुगतान स्व सहायता समूहों के खाते में जमा नहीं हुआ हैं. शासन द्वारा निर्धारित समय सीमा है कि एक माह खत्म होने के 15 तारीख तक स्व सहायता समूहों के खातों में राशि का भुगतान करना सुनिश्चित है. लेकिन शासन के नियमों का पालन प्रशासन द्वारा नहीं किया जा रहा है और स्व सहायता समूहों के खातों में राशि नहीं डाली जा रही है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
वर्तमान में जुलाई माह चल रहा है अप्रैल का भुगतान स्व सहायता समूहों के खातों में राशि नहीं पहुंची है. 3-4 माह हो चुके है स्व सहायता समूहों की महिलाएं खाना कैसे बनाएगी मार्केट में स्व सहायता समूहों की महिलाओं का कर्ज हो चुका है. गरीब महिलाएं समूह चलाती है. दुकानदार स्व सहायता समूहों की महिलाओं से उधारी मांगने के लिए आते हैं. कई परेशानियों का सामना महिलाओं को करना पड़ रहा है. अधिकारियों का दबाव रहता है कि मेनू के अनुसार खाना दो और इतना बोझ और कर्ज इन महिलाओं पर हो चुका है ऐसे में महिलाएं कैसे खाना बना पाएगी. सुनीता नायक ने बताया कि शासन द्वारा एक नियम लागू हुआ है जिन समूहों का 5 साल हो चुका है उनका नया अनुबंध कराया जाएगा जबकि रिन्यू कराने का आदेश है श्योपुर के प्रशासन के द्वारा आदेश के नाम पर बेफिजूल दस्तावेजों की मांग की जा रही है.
स्टॉप का आदेश दिया है जबकि शपथ पत्र तैयार होने में 500 रूपये का खर्च आ रहा है. और बीआरसी वाले भी अलग से ले रहे हैं. विजयपुर में सबसे ज्यादा घोटाला किया जा रहा है. इस मांग को भी आवेदन में रखा गया है. बीआरसी वाले अनुबंध के नाम पर 30-30 हजार रुपए एक-एक समूह बालों से वसूल रहे है. इन्होंने धंधा बना लिया है. अनुबंध का कोई आदेश नहीं है रिन्यू कराने का आदेश है. जिसमें शिक्षकों का प्रमाणीकरण मांग सकते है समूहों का ठहराव प्रस्ताव मांग सकते है. इन सभी मांगों को लेकर कलेक्टर अर्पित वर्मा से शिकायत भी दर्ज कराई है और मांगें पूरी नहीं हुई तो स्व सहायता समूहों की महिलाएं धरना प्रदर्शन करेंगी.