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वाराणसी में शिवमहापुराण कथा: बोले पं. प्रदीप मिश्र- मन से शिव को याद करें, हृदय और घर दोनों बन जाएगी काशी

वाराणसी: कथावाचक पं. प्रदीप मिश्र ने कहा कि हम अपना भरोसा पक्का नहीं रख पाते, शंकर तुमसे दूर नहीं हैं, तुम्हारे हृदय में बसे हैं, तुम अगर शंकर को अपना पिता मानते हो, उन पर भरोसा करते हो तो ये भरोसा ही शंकर के करीब लेकर जाता है.

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उन्होंने कहा कि जो अपने घर में बैठकर भी भगवान शंकर को याद करता है उसका हृदय और उसका घर दोनों काशी बन जाते हैं. देवता का काम है भाग्य लिखना है लेकिन महादेव का काम है भाग्य पलट देना, देवता देते हैं पल्ला झाड़कर, महादेव देते हैं छप्पर फाड़कर.
महाश्मशान मणिकर्णिका के उस पार गंगा रेती पर डोमरी स्थित सतुआ बाबा गोशाला में आयोजित सात दिवसीय शिवमहापुराण कथा के दूसरे दिन पं. प्रदीप मिश्र को सुनने के लिए तीन लाख से अधिक भक्त पहुंचे, बाबा विश्वनाथ की महिमा का वर्णन करते हुए कथावाचक ने कहा कि 33 कोटि देवता में महादेव ऐसे हैं जो नंदी पर माता पार्वती के साथ घूमते हैं.
जो भक्त मन से याद करता है महादेव उसके घर मां अन्नपूर्णा के साथ पहुंच जाते हैं. भगवान शिव की नम्रता तो देखिए देवताओं को अमृत मिला लेकिन उन्हें विष मिला तो भी वह उसे मुस्कुराकर पी लेते हैं. आज तो एक इंच की जमीन के लिए भाई-भाई एक दूसरे के दुश्मन हो जाते हैं. यह विष पीने का बल महादेव में माता पार्वती से आया. घर में रहने वाली पत्नी अपने पति को बल देती है.
सभी देवताओं को 56 भोग लगता है, महादेव को नहीं लगता। बाबा छप्पन भोग नहीं खाते बल्कि खिलाते हैं, अमृत पीते नहीं, सिर्फ पिलाते हैं, उन्होंने छप्पन भोग संतानों के लिए छोड़ा है, वह केवल देना जानते हैं, जैसे रावण को सोने की लंका दे दी। आरती के साथ कथा का दूसरा दिन समाप्त हुआ.
मंच महामंडलेश्वर संतोष दास सातुआ बाबा के साथ आयोजन समिति के संजय केशरी, संदीप केसरी, नीरज केशरी सहित संजय माहेश्वरी बाबू आदि मौजूद रहे.न चढ़ाएं पैकेट वाला दूध

कथावाचक पं. प्रदीप मिश्र ने भक्तों से अनुरोध किया कि भगवान भोलेनाथ को पैकेट वाला दूध न चढ़ाएं, दूध चढ़ाएं तो शुद्ध देसी गाय का, वैसे आप एक लोटा सादा जल चढ़ाएं, वह ज्यादा अच्छा है, पैकेट का दूध शिवलिंग का धीरे-धीरे क्षरण कर देता है.

जन्मों के तप के बाद मिला विश्वनाथ की धरती पर निवास
पं. प्रदीप मिश्र ने कहा कि विश्वनाथ की धरा पर वही पहुंचता है जिसके हृदय में शंकर के प्रति विश्वास होता है, जो काशी में रहते हैं, उन्हें देख यह भाव उत्पन्न होता है कि बाबा से पूछें कि इनसे आपकी रिश्तेदारी कौन सी थी? इन सबने कौन सा पुण्य किया था? बाबा का जवाब यही होगा यह कोई साधारण लोग नहीं है ना जाने कितने जन्म तक तप साधना की है तब जाकर काशी में निवास मिला है.

शिव महापुराण की कथा कहती है अगर मनुष्य की देह मिली है तो दो मिनट का मौन धारण करके परमात्मा की भक्ति करना शुरू कर दें, कहा कि नंदी हमें प्रेरणा देते हैं कि जिंदगी की कैसी भी घड़ी हो, महादेव से विश्वास जोड़कर बैठ जा, तेरा कल्याण होगा, कथा के अंत में पुनः प्रदीप मिश्र ने लोगों से गंगा और कथा स्थल को स्वच्छ रखने की बात कही.
आपका बैंक बैलेंस भी भोलेबाबा रिचार्ज करते रहेंगे 
उन्होंने काशी के रांतिदेव बनिया की कहानी सुनाई और कहा कि आपके पास जो है वही बाबा को अर्पित कीजिए। उधार मांगकर मत दीजिए, वहीं, एक कहानी में कहा कि छोरी ने छोरे को दिल दे दिया, छोरा आज तक उसके मोबाइल में बैलेंस डलवाता है, ठीक उसी तरह आप भोलेनाथ को दिल दे देंगे तो आपका बैंक बैलेंस भी भोलेबाबा रिचार्ज करते रहेंगे,

बगैर लाइफ जैकेट दिखें यात्री तो नाविक पर करें कार्रवाई : पुलिस आयुक्त
गंगा से डोमरी स्थित शिव महापुराण कथास्थल पर आने वाली नावों की चेकिंग की गई, इस दौरान पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने पुलिसकर्मियों से कहा कि निर्धारित क्षमता से अधिक और लाइफ जैकेट के बगैर यात्री जिस भी नाव में दिखें, उस नाविक के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें, ये भी ध्यान दें कि किसी भी श्रद्धालु से नाविक निर्धारित दर से अधिक किराया न लें.

उन्होंने कहा कि भदऊं चुंगी, राजघाट स्थित मालवीय पुल और पड़ाव पर सुबह से ही पुलिसकर्मी मौजूद रहें, ताकि, जाम की समस्या न हो, श्रद्धालुओं से पुलिस का व्यवहार मित्रवत हो, कथास्थल पर श्रद्धालुओं का आवागमन अनुशासित तरीके से कराए। आपराधिक तत्वों पर विशेष नजर रखें, महिलाओं की चेन चुराने वाली महिला गिरोह की खास निगरानी की जाए, पुलिस पब्लिक एड्रेस सिस्टम से महिला श्रद्धालुओं को आगाह भी करते रहें.

पुलिस निर्धारित पार्किंग स्थल पर ही वाहन खड़ा कराए, भीड़ प्रबंधन के लिए पुलिसकर्मी आयोजन समिति से समन्वय स्थापित कर उनके स्वयंसेवकों की भी मदद लें, बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं की मदद के लिए सहायता केंद्र पर मौजूद पुलिसकर्मी तत्पर रहें, इस दौरान अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) डॉ. एस चन्नप्पा, डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
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