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शिव तिलिस्म… प्लेटफॉर्म, ट्रेन, शहर हर जगह चाहने वाले, यहां से वहां तक स्वागत

 

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भोपाल। मामा, भाई, कुशल प्रशासक और सबके लिए हितैषी… शिवराज सिंह चौहान की एक शख्सियत ने अपने प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक अपनी एक अलग ही तस्वीर उकेरी है . प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में नई तहरीर कायम करने के बाद अब वे केंद्र की टीम के सुपर सिक्स में शामिल हैं और एक नए आयाम को छूने के लिए अग्रसर हो गए हैं.केंद्रीय टीम में शामिल होने के बाद पहली बार अपने घर की तरफ बढ़े शिवराज के लिए दिल्ली से लेकर भोपाल की सड़कों तक उत्साह पसरा पड़ा है.सफर के दौरान रास्ते भर सेल्फी, हाथ मिलाने, पास खड़े होने, करीब से देख लेने की ललक के नजारे दिखाई दे रहे हैं.

 

केंद्रीय मंत्री की नई भूमिका के साथ शिवराज सिंह चौहान ने रविवार सुबह दिल्ली से भोपाल का सफर शुरू किया. पत्नी साधना सिंह के साथ वे शताब्दी के सफर पर बढ़े तो दिल्ली स्टेशन का प्लेटफार्म इतनी सुबह भी उनके समर्थकों से भरा हुआ था. फूलों की बारिश, जिंदाबाद के नारों और गर्मजोशी से हाथ और गले मिलाई से माहौल सजा हुआ दिखाई दिया.शताब्दी ने अपनी गति पकड़ी तो चेयर कार में शिवराज के सामने अखबार ताजा खबरें लिए रखे थे, वे इन्हें पढ़कर अपडेट भी होना चाहते थे लेकिन उनके कोच में मौजूद प्रशंसकों की बड़ी जमात उन्हें इसका मौका कम ही दे पा रही थी.हर शख्स उनके पास खड़ा होना चाहता था, हाथ मिलाना चाहता था, मुलाकात के इन लम्हों को सुंदर सी सेल्फी में कैद भी करना चाहता था. ट्रेन की गति के साथ दिवानगी भी तेज होती गई. आसपास के कोच से भी सहयात्री शिव की एक झलक पाने के लिए जुगत लगाते रहे. बेटियों को उनके मामा के करीब लाकर उनके माथे पर शफककत का हाथ रखवाने के लिए भी माता पिता लालायित दिखाई दिए. सुबह शुरू हुए इस सफर के दौरान दोपहर तक यही सिलसिला जारी रहा. ट्रेन के स्टॉपेज वाले स्टेशंस पर भी शिवराज समर्थकों ने फूल बरसा कर अपनी आस्था जताई.

राजधानी में लगी स्वागत होड़

केंद्रीय मंत्री के रूप में पहली बार भोपाल पहुंच रहे शिवराज के स्वागत के लिए शनिवार से ही तैयारी बैठकों और मंच निर्माण का सिलसिला शुरू हो गया था.भोपाल स्टेशन से बीजेपी कार्यालय तक होने वाले रोड शो को करीब 65 से ज्यादा स्वागत मंच से होकर गुजरना है.इसके अलावा भी जगह जगह बिना मंच भी लोग अपनी शिवराज भक्ति को दर्शाने को उतावले दिखाई दे रहे हैं.

भोपाल से है खास नाता

अपने शैक्षणिक काल से लेकर राजनीतिक यात्रा की शुरुआत के दौर का लंबा समय शिवराज ने भोपाल में गुजारा है. एबीवीपी के दौर से लेकर विधायक और सांसद बनने के दौरान भी वे इस शहर से जुड़े रहे. अरेरा कॉलोनी से लेकर कोहेफिजा तक और पुराने भोपाल के जहांगीराबाद से लेकर इस्लामपुरा तक में उनके करीबी दोस्त होने का दावा करने वालों की लंबी फेहरिस्त है.प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने का एक बड़ा अध्याय लिखने के दौरान भी शिवराज चौक बाजार और टीला जमालपुरा जैसे इलाकों से अपना नाता बनाए रहे हैं.रविवार को नई भूमिका में और पहले से ज्यादा मजबूत कद पद के साथ पहुंचने पर इसी जोश को शहर दिखाने को बावला हुआ जा रहा है.

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