नई दिल्लीः 2024 के लोकसभा चुनाव में आखिरी फेज का प्रचार खत्म होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर आध्यात्मिक यात्रा पर जा रहे हैं. वे तमिलनाडु के कन्याकुमारी में ध्यान लगाएंगे. पीएम 30 मई को कन्याकुमारी पहुंचेंगे और 1 जून तक वहीं रहेंगे. कन्याकुमारी में महासागर के बीच उभरी इस विशाल चट्टान पर आसीन होकर ध्यान लगाएंगे. वो भी उसी शिला पर जहां स्वामी विवेकानंद ने ध्यान लगाया था. ऐसा नहीं है कि पीएम मोदी चुनाव अभियान के बाद पहली बार ध्यान लगाने के लिए जा रहे हैं. 2014 में वो शिवाजी के प्रतापगढ़ और 2019 में उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ गुफा पहुंचे थे. पीएम मोदी देश में अब तक जहां-जहां दौरे पर पहुंचे, वहां पर्यटन को जबरदस्त रफ्तार मिली है. पर्यटकों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है.
लोकसभा चुनाव में सातवें फेज में 1 जून को वोटिंग होनी है. चुनाव प्रचार 30 मई की शाम 5 बजे खत्म हो रहा है. पीएम मोदी पंजाब के होशियारपुर में अपनी आखिरी रैली करेंगे और उसके बाद वो वहीं से तमिलनाडु के कन्याकुमारी के लिए रवाना हो जाएंगे. पीएम वहां समुद्र तट से 500 मीटर भीतर स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल पहुंचेंगे और 31 मई से एक जून की शाम तक (24 घंटे) ध्यान मंडपम में ध्यान लगाएंगे. स्थानीय प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है.
132 साल पहले स्वामीजी ने भी यहीं किया था तप
विवेकांनद रॉक मेमोरियल वही जगह है, जहां 132 साल पहले स्वामी विवेकानंद तैरकर पहुंचे थे और उन्होंने तीन दिन तक ध्यान लगाया था. स्वामी जी 25, 26, 27 दिसंबर 1892 को यहां तप किया था. कहा जाता है कि यहीं उन्हें भारत माता की दिव्य अवधारणा की अनुभूति हुई थी. इतना ही नहीं, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी यहां दो घंटे तक ध्यान लगाया था.
क्यों महत्वपूर्ण है यह शिला?
इस यात्रा का स्वामी विवेकानंद के जीवन पर खासा प्रभाव पड़ा. लोगों का मानना है कि जिस प्रकार सारनाथ गौतम बुद्ध के जीवन में विशेष स्थान रखता है, उसी तरह यह जगह भी स्वामी विवेकानंद के जीवन में भी वैसा ही स्थान रखती है. देशभर में घूमने के बाद उन्होंने यहां पहुंचकर तीन दिनों तक तपस्या की और विकसित भारत का सपना देखा. उसी स्थान पर ध्यान करना स्वामीजी के विकसित भारत के दृष्टिकोण को जीवन में लाने की पीएम मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
कन्याकुमारी में समंदर की अतल गहराइयों से उभरी इस शिला का महत्व ऐतिहासिक ही नहीं, पौराणिक भी है. मान्यताओं के मुताबिक, देवी पार्वती ने भी इसी स्थान पर एक पैर पर खड़े रहकर भगवान शिव के लिए उपासना की थी. देवी पार्वती शिव के लिए यहीं पर प्रतीक्षारत रहीं. भारत के इस दक्षिणी छोर का एक और महत्व ये है कि यहीं पर भारत की पूर्वी और पश्चिमी तट रेखाएं भी मिलती हैं. ये हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का मिलन बिंदु भी है. ये स्थान अब पर्यटन का भी केंद्र है. बड़ी तादात में सैलानी विवेकानंद मेमोरियल आते हैं. पीएम मोदी कन्याकुमारी जाकर राष्ट्रीय एकता का संकेत दे रहे हैं.
2014 में कहां गए थे पीएम मोदी
2014 में चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद पीएम मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के उस प्रतापगढ़ का दौरा किया था, जहां शिवाजी ने अपने बाघनख से आतताई अफजल खान खान का पेट फाड़ दिया था. कभी ऊंचे पहाड़ों की खामोशी, कभी समंदर की लहरों का शोर तो कभी ऐतिहासिक महत्व के किले. पीएम मोदी के लिए सामाजिक संदेश के लिए तरह तरह से प्रतीक बनते हैं. प्रतापगढ़ का दौरा काफी चर्चा में रहा था.
2019 में केदारनाथ गुफा गए थे पीएम मोदी
पीएम मोदी का केदारनाथ से करीब 5 दशक से भी ज्यादा पुराना जुड़ाव है. साल 1968 में पीएम मोदी वडनगर से आध्यात्म की तलाश में कोलकाता के लिए निकले थे. बाद में वे विभिन्न जगहों की यात्राएं करते हुए केदारनाथ से तीन किमी दूर गरुड़ चट्टी पहुंचे थे. वहां पर पीएम मोदी ने करीब डेढ़ महीने तक साधना की थी. लोकसभा चुनाव 2019 का प्रचार समाप्त होते ही प्रधानमंत्री मोदी एक बार फिर केदारनाथ पहुंचे और वहां एक गुफा में ध्यान लगाया था. उसके बाद इस गुफा ने दुनियाभर में सुर्खियां बटोरी थीं. पीएम मोदी यहां 18 मई 2019 को गए थे. उन्होंने सबसे केदारनाथ मंदिर में दर्शन किए थे. उसके बाद गुफा में ध्यान लगाया और पूरी रात वहां गुजारी थी. गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) के अनुसार, यहां अब रात्रि प्रवास के लिए 3700 रुपये है. जब पीएम मोदी यहां गए थे तब यहां रात्रि प्रवास का शुल्क 1500 रुपये और दिनभर के लिए 990 रुपये का शुल्क था. समुद्री तल से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद इस गुफा में वाई-फाई, फोन और बेड का भी इंतजाम है. यही कारण रहा था कि प्रधानमंत्री के जाने के बाद ये काफी चर्चा में आ गई थी. गुफा में ध्यान लगाती प्रधानमंत्री की तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हुई थी.
जहां स्वामी विवेकानंद ने तप किया, वहां PM मोदी ने लगाया ध्यान
पीएम मोदी ने 2015 में कोलकाता पहुंचे थे और वहां पर उन्होंने बेलूर मठ में ध्यान लगाया था. पीएम मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद 11 मई 2015 को बेलूर मठ पहुंचे थे. उन्होंने अपनी इस यात्रा के दौरान उस कमरे में जाकर ध्यान लगाया था, जहां खुद स्वामी विवेकानंद साधना किया करते थे.
इस साल द्वारका गए थे पीएम मोदी
पीएम ने इसी साल फरवरी में गुजरात में समुद्र के भीतर जाकर जलमग्न द्वारका नगरी के दर्शन किए थे. पीएम मोदी की तस्वीरें सामने आई थीं, जिनमें वो डाइविंग हेलमेट और गेरुआ वस्त्र पहने थे और समुद्र तल पर पालथी मारकर बैठे दिखे थे. पीएम ने वहां पर ध्यान लगाया था. पीएम मोदी ने कहा था, समुद्र में द्वारका के दर्शन ने विकसित भारत के मेरे संकल्प को और मजबूत किया है.