मुस्लिम युवक के घर में खुदाई के दौरान मिला शिवलिंग, परिवार ने मंदिर के लिए दान कर दी एक बिस्वा जमीन

सावन का महीना, भगवान शिव की उपासना का पावन समय, जब देशभर के श्रद्धालु भोलेनाथ के दरबार में जल चढ़ाकर आशीर्वाद मांगते हैं. ऐसे में पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है, जो सिर्फ धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारे और सामाजिक सौहार्द की एक मिसाल बन गई है.

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अलीनगर थाना क्षेत्र के धपरी गांव में एक मुस्लिम परिवार की निजी जमीन की नींव खुदाई के दौरान एक शिवलिंग मिलने से पूरे गांव में सनसनी फैल गई. देखते ही देखते वहां सैकड़ों ग्रामीण जुटने लगे. शिवलिंग की जानकारी जंगल में आग की तरह फैली और सावन के सोमवार की सुबह यह स्थान पूजा-पाठ और जलाभिषेक का केंद्र बन गया. हालात को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी है.

खुदाई के दौरान दिखा शिवलिंग

धपरी गांव निवासी सकलैन हैदर ने अपनी पुश्तैनी जमीन का एक हिस्सा अपने रिश्तेदार अख्तर अंसारी को रजिस्ट्री किया था. यह भूमि कुल 11 बिस्वा में फैली हुई है. अख्तर अंसारी, जो कि वाराणसी निवासी हैं, ने दो दिन पहले इस जमीन की चारदीवारी के लिए नींव की खुदाई शुरू करवाई थी. 25 जुलाई की शाम जब मजदूर खुदाई कर रहे थे, तो अचानक मिट्टी के भीतर एक गोल पत्थरनुमा आकृति दिखाई दी. पास जाकर देखने पर वह आकृति कोई आम पत्थर नहीं, बल्कि एक शिवलिंग निकला. यह शिवलिंग न सिर्फ पूर्ण आकार में था, बल्कि उसका स्वरूप देखकर ग्रामीणों को यह प्रतीत हुआ कि यह कोई साधारण प्रतीक नहीं, बल्कि एक प्राचीन शिव प्रतिमा है.

धर्म की सीमाएं टूटीं, सौहार्द की मिसाल बनी

शिवलिंग की खबर फैलते ही धपरी और आस-पास के गांवों से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. गांव की महिलाएं भजन-कीर्तन करने लगीं, पुरुष जलाभिषेक में जुट गए और पूरा माहौल श्रद्धा और भक्ति से सराबोर हो गया. स्थिति की संवेदनशीलता को समझते हुए प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया. इस दौरान जब ग्रामीणों ने मांग की कि जहां शिवलिंग मिला है वहीं मंदिर बनाया जाए, तो सकलैन हैदर और उनके परिवार ने बिना किसी विवाद या बहस के यह निर्णय लिया कि वे अपनी जमीन में से एक बिस्वा भूमि मंदिर निर्माण के लिए दे देंगे.

हमारी भी आस्था जुड़ी है : सकलैन हैदर

स्थानीय निवासी सकलैन हैदर ने मीडिया से बातचीत में कहा, मैं इसी गांव का रहने वाला हूं, मेरे पूर्वज भी यहीं रहते थे. हमारे घर के पास ही इमामबाड़ा भी है. जब हमें पता चला कि हमारी जमीन में शिवलिंग निकला है, तो हमने परिवार से बातचीत की और तय किया कि एक बिस्वा जमीन हम मंदिर के लिए देंगे. यह हमारी आस्था और भाईचारे से जुड़ा निर्णय है.

विधायक से लेकर अफसर तक मौके पर पहुंचे

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय विधायक और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. विधायक के समक्ष भी सकलैन हैदर ने खुले मंच से घोषणा की कि वे अपनी स्वेच्छा से यह जमीन मंदिर निर्माण हेतु दान दे रहे हैं. इसके बाद क्षेत्रीय प्रशासन ने मौके पर नाप-जोख की कार्रवाई शुरू कर दी है.

ग्रामीणों ने जताया आभार

धपरी गांव के निवासी नीरज त्रिपाठी ने कहा, हम लोग उनके इस त्याग की भावना का सम्मान करते हैं. उन्होंने जो फैसला लिया है, वह सौहार्द का प्रतीक है. वहीं ग्रामीण संदीप सिंह ने बताया कि शिवलिंग की आकृति बहुत अद्भुत है और लोगों को ऐसा लगता है मानो यह बाबा बैजनाथ के स्वरूप से जुड़ी कोई पौराणिक मूर्ति हो. उन्होंने कहा, “यहां पर अब हजारों श्रद्धालु रोज जल चढ़ाने आ रहे हैं, महिलाओं द्वारा भजन-कीर्तन हो रहा है. यह स्थान अब एक आस्था केंद्र बन चुका है.

फोर्स हुई तैनात

हालांकि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. शिवलिंग की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया है. एसडीएम, सीओ समेत स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी समय-समय पर मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं. पुलिस की मौजूदगी के बीच गांव में पूरी तरह से शांति बनी हुई है. ग्रामीणों ने भी प्रशासन को भरोसा दिलाया है कि यहां सौहार्द बना रहेगा और किसी भी प्रकार का विवाद नहीं होगा.

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