केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को दतिया में अत्याधुनिक पशु एवं मात्स्यिकी अस्पताल का उद्घाटन किया। नौनेर गांव में 350 करोड़ की लागत से बने इस अस्पताल में शेर, बाघ, तेंदुआ और हाथी तक का इलाज होगा।
लोगों से हाथ मिलाया, समस्याएं सुनी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली से दतिया पहुंचे। यहां अस्पताल के गेट के बाहर खड़े ग्रामीणों से मुलाकात की। कुछ ग्रामीणों ने उन्हें अपने आवेदन देकर समस्याएं बताई। शिवराज ने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
बीमारियों से बचाव के लिए नई किस्मों पर काम चल रहा
इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा- जलवायु के खतरों से निपटने के लिए ग्वालियर में भी एक कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई है। विशेष रूप से गेहूं और जौ को लेकर वैज्ञानिक लगातार प्रयोग कर रहे हैं। इसी कड़ी में 14 और 15 तारीख को पूसा में ‘रबी कॉन्फ्रेंस’ आयोजित की जा रही है।
उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते तापमान, अनियमित बारिश और पानी की कमी जैसी चुनौतियों से निपटने के उपाय किए जा रहे हैं। ऐसी किस्में विकसित की जा रही हैं जो बदलते जलवायु में अनुकूल हों और ऊंचे तापमान में भी बेहतर पैदावार दें। साथ ही, भविष्य में संभावित बीमारियों से बचाव के लिए भी नई किस्मों पर काम चल रहा है।
पांच साल पहले रखी गई थी नींव
सितंबर 2020 में केन्द्र के तत्कालीनकृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर व तत्कालीन गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस अस्पताल की आधार शिला रखी थी। 186 एकड़ में फैले इस अस्पताल ने पांच साल में साकार रूप लिया है।
अस्पताल प्रबंधन का दावा किया है कि, मप्र, उप्र और पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र में इस स्तर का कोई दूसरा पशु अस्पताल नहीं है। यहां शिवपुरी, श्योपुर और पन्ना तक के वाइल्ड लाइफ और सेंचुरी में पाए जाने वाले शेर, बाघ, चीता, तेंदुआ और हाथी जैसे जानवरों का इलाज संभव होगा।
कैंपस में बनेंगे 30 तालाब व एक हेचुरी
मात्स्यिकी अस्पताल द्वारा परिसर में मछली पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 30 तालाबों के निर्माण की योजना बनाई है। इसके साथ दो बड़े तालाब बनेंगे, जिनका उपयोग प्रशिक्षण और मछली बीज उत्पादन के लिए होगा। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग को मछली पालन के लिए प्रेरित हों।
तालाबों के निर्माण के साथ-साथ एक हेचरी की स्थापना भी की जा रही है। इसके माध्यम से उच्च गुणवत्ता के मछली बीज तैयार होंगे, जिन्हें किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। इससे न केवल किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त होने का अवसर मिलेगा, बल्कि कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को भी मछली के प्रजनन की वैज्ञानिक प्रक्रिया को सीखने और प्रायोगिक ज्ञान अर्जित करने का मौका मिलेगा।
पीएचडी और डिप्लोमा कोर्स शुरू करने की तैयार
अस्पताल में फिलहाल बीएफएससी, एमव्हीएससी और एमएफएससी के कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। इसी वर्ष से पीएचडी करवाने की भी तैयारी है। वहीं, मप्र और उत्तर प्रदेश से डिप्लोमा कोर्स शुरू कराने की तैयारी भी की जा रहीहै। यह कोर्स दो सालों के लिए होगा। इसके लिए दोनों ही राज्यों को पत्र भी लिखा जा चुका है। अभी अस्पतालों में पढ़ने वाले छात्रों का चयन ऑल इंडिया टेस्ट से किया जा रहा है।
मॉडल के रूप में विकसित करेंगे
रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय विवि झांसी के कुलपति अशोक कुमार सिंह का कहना है कि बुंदेलखंड के लिए पशु अस्पताल तैयार किया गया है। नीचे अस्पताल और ऊपर डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे, जिससे इमरजेंसी में उपचार मिले। इसे एक मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है।