पानी पूरी खाने वालों के लिए डरावनी खबर सामने आई है. कर्नाटक में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने 200 जगहों से पानीपूरी के सैंपल लिए, जिनका परीक्षण किया जा रहा है. गोलगप्पे पूरी बनाने वाली इकाइयों पर खाद्य विभाग की पैनी नजर है. कर्नाटक के खाद्य विभाग ने गोल गप्पे की गुणवत्ता को लेकर चिंता जताई है. यूरिया और हार्पिक के इस्तेमाल के आरोपों के बाद राज्य भर में गोलगप्पे के नमूने एकत्र किए जा रहे हैं.
कर्नाटक के विभिन्न इलाकों से सड़क किनारे बिकने वाली पानीपूरी की क्वालिटी को लेकर कई शिकायतें मिली थीं. इसके बाद खाद्य सुरक्षा विभाग ने यह जांच शुरू की. गोलगप्पे में इस्तेमाल होने वाली पूड़ी कैसे बनाई जाती है? इसमें कौन-कौन सी सामग्री मिलाई जाती है? इससे सेहत पर क्या असर पड़ेगा, यह जानने के लिए खाद्य विभाग सैंपल इकट्ठा कर रही है.
रोडामीन-बी नाम के फूड कलर पर लगाया प्रतिबंध
कर्नाटक सरकार ने हाल ही में रोडामीन-बी नाम के फूड कलर पर प्रतिबंध लगाया है. स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि अगर कोई दुकानदार खाने में ऐसे केमिकल का इस्तेमाल करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने राज्य में खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता देने की बात कही है. दिनेश गुंडू राव ने रेस्टोरेंट मालिकों को स्वच्छता बनाए रखने के प्रति जिम्मेदार होने का निर्देश दिया है.
सख्त कार्रवाई करने के दिए निर्देश
साथ ही लोगों से अपील की वो इस बात का ध्यान दे कि क्या खा रहे हैं और उसमें क्या मिलाया जा रहा है. इसके अलावा गुंड राव ने मिलावट वाली खाने-पीने की चीजों को बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी बात कही है. हाल ही में कुछ दिन पहले कर्नाटक में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने 260 जगहों से पानीपूरी के सैंपल लिए, जिनमें से 41 सैंपल में नकली रंग और कैंसर पैदा करने वाले तत्व मिले थे.